ब्रज के मंदिरों में लगी है फूल बंगला बनवाने की होड़

punjabkesari.in Sunday, Jun 02, 2019 - 04:14 PM (IST)

मथुराः आसमान से बरस रही आग के बीच उत्तर प्रदेश में कान्हा की नगरी मथुरा में ठाकुर को गर्मी से निजात दिलाने के लिए मंदिरों में फूल बंगला बनाने की होड़ लग गई है। ब्रज के मंदिरों में फूल बंगला बनाने की परंपरा की शुरूवात स्वामी हरिदास ने की थी तो बल्लभकुल सम्प्रदाय के मंदिरों के बंगले बनाने में बल्लभाचार्य महराज का योगदान मांनते हैं। जनश्रुति के अनुसार स्वामी हरिदास प्रिया एवं प्रियतम को रिझाने के लिए जंगल जाते थे तथा वहां से रंग बिरंगे फूल लाकर ठाकुर का श्रंगार करते थे। इसके बाद बड़ के पत्ते पर कलियों के द्वारा नई नई कला बनाने की शुरूवात हुई।

बांकेबिहारी मंदिर में सेवायत आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी के अनुसार फूल बंगलों की वर्तमान कला के जनक हरदासीय सम्प्रदाय के पन्द्रहवें आचार्य छबीले बल्लभ महराज थे जिन्होंने कला की विविधता से फूल बंगला कला को ऐसा स्वरूप दिया जो दिन पर दिन निखार लेता गया।वे जाल तोड़ने में माहिर थे।

फूल बंगले की सभी टटियाओं में अलग अलग तरह के जाल तोड़कर उन्होंने बंगले को नवीनता प्रदान की। उनके द्वारा कपड़े व कागज की बनाई कलाकृतियां आज तक उदाहरण बनी हुई हैं। रूई का बोलता हुआ लंगूर उनके बाद आज तक कोई नही बना पाया। बंगला परंपरा को उसके बाद बाबा कृष्ण चन्द्र अवधूत, सेठ हरगूलाल बेरीवाला, प्रतापचन्द्र चाण्डक, ज्वाला प्रसाद भण्डासीवाला, अर्जुन दास, रामजीलाला, छाजूराम रानीला, राधाकृष्ण गाडोदिया आदि और निखार दिया।

 

Tamanna Bhardwaj