राष्ट्रगान के अपमान की शिकायत करना अभिभावक को पड़ा महंगा, छात्र को किया स्कूल से बाहर

punjabkesari.in Tuesday, Apr 04, 2017 - 12:38 PM (IST)

शाहजहांपुरः शाहजहांपुर के माधव राव सिंधिया पब्लिक स्कूल की डायरी में गलत राष्ट्रगान छपने की शिकायत करना अभिभावक को महंगा पड़ गया। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने उनके बेटे को रिपोर्ट कार्ड लेने के लिए कैंपस में घुसने तक नहीं दिया। रोड पर ही रिजल्ट कार्ड देकर उसकी टीसी भी काट दी गई। अभिभावक ने सांसद, डीएम और डीआईओएस से मामले की शिकायत की है।

स्कूल की डायरी में राष्ट्रगान के शब्द नहीं थे ठीक
जानकारी के मुताबिक महमंद जलालनगर के डा. मनोज कुमार पांडेय का बेटा ईशान माधव राव सिंधिया पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। सीबीएसई से संचालित स्कूल में बच्चों को मिलने वाली डायरी में राष्ट्रीय गीत सही नहीं लिखा गया था। जिसके चलते राष्ट्रगान के अपमान को डा.मनोज ने गंभीरता से लिया और उन्होंने अति गंभीर मुद्दे को ध्यान में रखते हुए अफसरों से शिकायत की।

अभिभावक ने की शिकायत तो बेटे को किया स्कूल से बाहर
परन्तु उनके शिकायत करने का खामियाजा बेटे ईशान को भुगतना पड़ा। डा. मनोज की मानें तो उनका बेटा ईशान अपना रिपोर्ट कार्ड लेने गया था। ईशान को गेट पर ही रोक लिया। वहीं पर रिपोर्ट कार्ड देकर वापस कर दिया गया। डा.मनोज ने सांसद, डीएम को भेजे शिकायती पत्र में कहा कि स्कूल संचालक अभिभावकों का आर्थिक, मानसिक शोषण कर रहे हैं। उन्होंने स्कूल पर कार्रवाई की मांग की है।

बिना मांगे टीसी भी काट दी
डा.मनोज ने अफसरों को पत्र भेजकर बताया कि बेटे को गेट पर रिपोर्ट कार्ड दिया, साथ ही बिना मांगे टीसी भी काटकर थमा दी। राष्ट्रवादी व जागरूक अभिभावक होने के नाते इस प्रकरण को कोर्ट तक ले जाएंगे।

राष्ट्रगान के अपमान का मुद्दा उठाने की मिली सजा
ईशान के पिता मनोज ने बताया कि वह राष्ट्रगान के अपमान का मुद्दा उठा रहे थे। सरकारी स्कूलों में कापी-किताबों व ड्रेस के नाम पर उगाही के विरोध में आवाज उठाई है। जिसके चलते उनके साथ यह कार्रवाई की गई।

जानिए क्या कहना है स्कूल के कानूनी सलाहकार का
वहीं माधव राव सिंधिया स्कूल के कानूनी सलाहकार नील जौहरी ने कहा है कि स्कूल डायरी में राष्ट्रीय गीत गलत प्रिंट हो गया था। उसके लिए प्रेस वाले ने भी माफी मांगी थी। इस बात को इशु बनाकर मनोज ने प्रधानाचार्य, मैनेजर के साथ आपत्तिजनक व्यवहार किया। आए दिन वे स्कूल में शोर-शराबा करते थे। झंझट से बचने को उनके बेटे की टीसी काटी गई है।