कांग्रेस का बड़ा एेलान, राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को करेगी समर्थन

punjabkesari.in Saturday, Mar 10, 2018 - 03:05 PM (IST)

उत्तर प्रदेशः राजनीति में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता। इसका ताजा उदाहरण यूपी की राजनीति में देखने को मिला है। जहां सपा-बसपा ने 23 साल पुरानी दुश्मनी पीछे छोड़ कर उपचुनाव के लिए एक-दूसरे को समर्थन दिया है। इसके बाद अब यूपी की राजनीति में एक और नया मोड़ सामने आ गया है। दरअसल कांग्रेस पार्टी ने एेलान किया है कि वह राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी का समर्थन करेगी। इस खबर से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। 

सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा की खाली हो रही यूपी की 10 सीटों के लिए शनिवार कांग्रेस ने विधान मंडल दल के नेता लल्लू सिंह ने विधायकों के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद कांग्रेस ने बसपा के प्रत्याशी पूर्व विधायक भीमराव अंबेडकर को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। 

उल्लेखनीय है कि देश में राज्यसभा की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होना है।इसमें सबसे ज्यादा 10 सीटों के लिए उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं। जिसमें से बीजेपी के 8 उम्मीदवारों की जीत तय है। एक सीट सपा के खाते में जाएगी और आखिरी सीट के लिए बसपा ने सपा से समर्थन मांगा है। बदले में मायावती ने दो सीटों पर होने वाले लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशियों को समर्थन का ऐलान किया था। यही नहीं मायावती ने कहा कि अगर कांग्रेस मध्यप्रदेश में राज्य सभा चुनाव में समर्थन चाहती है तो उसे यूपी में बसपा को सपोर्ट करना पड़ेगा। 

जानिए राज्यसभा चुनाव का गणित
राज्यसभा सदस्य के निर्वाचन का अधिकार विधानसभा सदस्य को होता है। यूपी में 403 विधानसभा सीटें हैं और राज्यसभा के चुनाव 10 सीटों के लिए होना है। चुनाव का फॉर्मूला है, खाली सीटें में एक जोड़ से विधानसभा की सदस्य संख्या से भाग देना।निष्कर्ष में भी एक जोड़ने पर जो संख्या आती है। उतने ही वोट एक सदस्य को राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए चाहिए। यूपी की सदस्य संख्या 403 है। राज्यसभा की खाली सीट है 10 यानी 10 सीटों में 1 को जोड़ा तो हुए 11, अब 403 को 11 से भाग देते हैं तो आता है 36.63. इसमें 1 जोड़ा जाए तो आते हैं 37.63. यानी यूपी राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए एक सदस्य को औसतन 38 विधायकों का समर्थन चाहिए। 

इस लिहाज से आकड़े की बात करें को बीजेपी गठबंधन के खाते में 8, जबकि सपा के खाते में एक सीट जा रही है क्योंकि सपा के पास 47 विधायक हैं। वहीं, बची एक सीट के लिए विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है क्योंकि सपा की बची 10, बसपा की 19 और कांग्रेस की 7 सीटें मिलाकर ही अपने संयुक्त उम्मीदवार को राज्यसभा भेज सकते हैं।