CAA की तर्ज पर हाथरस कांड में दंगा कराने की साजिश, इस्लामिक देशों से फंडिंग

punjabkesari.in Monday, Oct 05, 2020 - 12:13 PM (IST)

लखनऊः हाथरस कांड की आड़ में योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में जांच एजेंसियों को अहम सुराग मिले हैं। यूपी में दंगे (जातीय दंगे) कराने के लिए हाथरस पीड़िता की मौत वाली रात ही एक 'वेबसाइट' बनाई गई। दंगे की इस वेबसाइट के तार एमनेस्टी इंटरनेशनल से जुड़ रहे हैं। इस वेबसाइट को इस्लामिक मुल्कों से जमकर फंडिंग भी मिली। इस मामले में जांच सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी तहकीकात की तो पता कि एंटी सीएए के तर्ज पर हाथरस मामले को फैलाने की तैयारी हो रही थी। वेबसाइट पर बेहद आपत्तिजनक कंटेंट मिले।

यूपी सरकार के मुताबिक, जांच एजेंसियों के शिकंजा कसते ही रातों रात यह वेबसाइट बंद हो गई। रात में छापेमारी होते ही और सुरक्षा एजेंसियों के सक्रिय होते ही वेबसाइट तो बंद हो गई, लेकिन एजेंसियों के पास वेबसाइट के सारे कंटेंट मौजूद हैं। सरकार का दावा है कि पीएफआई जैसे संगठन अफवाह फैलाने में शामिल हो सकते हैं। प्रदेश में यूपी में जातीय दंगों की साजिश कराकर दुनिया में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की छवि खराब करने के लिए जस्टिस फार हाथरस नाम से रातों रात वेबसाइट तैयार हुई। वेबसाइट में फर्जी आईडी के जरिए हजारों लोग जोड़े गए।

खुफिया एंजेसियों ने जांच रिपोर्ट शासन को भेजी है। रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका में ''ब्लैक लाइव्स मैटर'' दंगों की तर्ज पर ही थी हाथरस की घटना को लेकर भारत में जातीय दंगे कराने की बहुत बड़ी साजिश रची जा रही थी। बहुसंख्यक समाज में फूट डालने के लिए मुस्लिम देशों और इस्लामिक कट्टरपंथी संगठनों से ''जस्टिस फॉर हाथरस'' वेबसाइट के लिए पैसा आया। सीएए हिंसा में शामिल उपद्रवियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों ने मुख्यमंत्री योगी से बदला लेने के लिए दंगे की यह वेबसाइट बनाई। जांच एजेंसियों के हाथ वेबसाइट की डिटेल्स और पुख्ता जानकारी लगी है। 

Tamanna Bhardwaj