Corona crisis: कैट व UP व्यापार मंडल ने योगी सरकार से की वित्तीय पैकेज की मांग

punjabkesari.in Monday, May 17, 2021 - 11:23 AM (IST)

झांसीः कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल ने कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप से देश में घरेलू व्यापार को हुए भारी नुकसान के आंकड़े पेश करते हुए रविवार को केंद्र और प्रदेश सरकार से वित्तीय पैकेज की मांग की। कैट के राष्ट्रीय मंत्री एवं उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय पटवारी ने कहा कि हमने पिछले दिनों की अवधि में सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए देश के आंतरिक व्यापार के राज्यवार नुकसान का अनुमान लगाया जो लगभग 12 लाख करोड़ रुपये का है जो कि काफी बड़ा नुकसान है। देश में लगभग 08 करोड़ छोटे बड़े व्यापारी हैं जो देश के घरेलू व्यापार को चलाते हैं ।

उन्होंने कहा  कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप से पिछले दिनों में भारत के घरेलू व्यापार को 12 लाख करोड़ रुपये का व्यापार घाटा हुआ है, जो एक बड़ा नुकसान है और निश्चित रूप से ऐसे समय में जब लॉक डाउन वापस लिए जाएगा तब व्यापारियों को अपने व्यापार को दोबारा खड़ा करना बेहद मुश्किल होगा।  कैट एवं यूपी व्यापार मंडल ने आज यह आंकड़े जारी करते हुए कहा कि देश का व्यापार बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है। कोरोना की दूसरी लहर ने व्यापारियों की कमर ही तोड़ दी है।

पटवारी ने कहा कि कारोबार के लगभग 12 लाख करोड़ के व्यापारिक नुकसान में खुदरा व्यापार में लगभग 7.50 लाख करोड़ रुपये और थोक व्यापार में लगभग 4.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। एक अनुमान के अनुसार महाराष्ट्र को करीब 1.10 लाख करोड़, दिल्ली को करीब 30 हजार करोड़, गुजरात को करीब 60 हजार करोड़, उत्तर प्रदेश को करीब 65 हजार करोड़, मध्य प्रदेश को करीब 30 हजार करोड़, राजस्थान को करीब 25 हजार करोड़, छत्तीसगढ़ को लगभग 23 हजार करोड़, कर्नाटक को लगभग 50 हजार करोड़ का व्यापार का नुकसान और इसी तरह अन्य राज्यों को पिछले दिनों के दौरान व्यापार में बड़ा घाटा हुआ है।

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि सरकार द्वारा पटरी, खोखेवालों को तो 1000 पर माह देने की घोषणा की है परंतु मध्यमवर्गीय व्यापारी के लिए किसी भी तरह की घोषणा नहीं की गई है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि लॉक डाउन की अवधि के अंतर्गत राज्य सरकार व्यापारियों के ऊपर विभिन्न टैक्सों में छूट के साथ साथ वाणिज्य प्रतिष्ठान को बिजली बिल में भी रियायत दें जिससे कि व्यापारियों का करो का कुछ बोझ कम हो सके और लॉकडाउन के बाद अपने व्यापार को गति दे सकें।

 

Content Writer

Moulshree Tripathi