​कोरोना महामारीः इन लोगों की घोर लापरवाही ने दूसरों को भी संकट में डाला

punjabkesari.in Friday, Apr 10, 2020 - 05:39 PM (IST)

यूपी डेस्कः आज कोरोना महामारी से दुनिया भर में लोग जंग लड़ रहे हैं। केंद्र हो या राज्य सरकार इस जानलेवा वायरस को नियंत्रित करने की लगातार कोशिशें जारी हैं। सोशल डिस्टेंसिंग, लॉकडाउन, कर्फ्यू ये सब कोरोना के हांथ-पांव बांधने के लिए हैं। जन-धन सबकुछ लग चुका है। मगर क्या इनसे कोरोना रूक गया? हमने इस पर विजय ​​पा लिया? नहीं क्योंकी हमने जनहित में लागू उन तमाम नियमों पर अमल नहीं किया। महज कुछ लोगों की लापरवाही ने देश भर की व्यवस्था को धराशायी कर दिया। आइए नजर डालते हैं उनपर जिन्होंने कोरोना महामारी को मजाक समझा और आज उनकी लापरवाही का खामियाजा पूरा देश उठा रहा है।

निजामुद्दीनः मरकज या साजिश?
दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके के मरकज़ में 13 से 15 मार्च तक तबलीग़ी जमात का कार्यक्रम हुआ जिसमें करीब 20 हज़ार लोग जुटे थे। पहले खबर थी कि अकेले उत्तर प्रदेश के 157 लोग वहां शामिल हुए थे। इसके बाद धीरे-धीरे शामिल स्थानिय व विदेशों से आए लोगों की संख्या बढ़ती गई। इस कार्यक्रम से काफी बड़े स्तर पर कोरोना वायरस का संक्रमण फैला। कार्यक्रम पूरा होने के बाद ज़्यादातर लोग अपने-अपने घर चले गए। कई लोग यहीं जुटे रहे। जो लोग यहां से गए, उन्होंने भी बाहर जाकर कोरोना की चेन बनाई। जो लोग यहां रुके, वो भी संक्रमित हुए। 30 मार्च तक भारत में कोरोना वायरस इंफेक्शन का जो मामला कम होने की उम्मीद थी वही जमात का मामला आने के बाद अचानक बाढ़ आ गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कहा कि हमने कोरोना को कंट्रोल कर लिया था। वहीं तबलीगी जमातियों ने कोरोना के केस को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।

कासरगोड...जहां लापरवाही की हद पार हो गई
केरल के कासरगोड जिले में एक कोरोना संक्रमित शख्स खाड़ी देशों से वापस आया। उस शख्स को क्वारंटीन रहने को कहा गया लेकिन उन्होंने दो शादियां अटेंड कीं। एक शोकसभा में भी गए। विधायक समेत कई लोगों से मिले। ट्रेन-बस में यात्राएं कीं। दुखद है कि इसके बाद से अब तक कासरगोड में 136 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं। केरल में सबसे ज़्यादा पॉजिटिव इसी जिले से आए हैं। दूसरे नंबर पर कन्नूर है, जहां से 52 केस सामने आ चुके हैं।

मुरैनाः 1 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव और 26,000 लोग हुए होम क्वारंटीन
मध्य प्रदेश के मुरैना में एक व्यक्ति ने दुबई से लौटकर अपनी मां की तेरहवीं में भोज खिलाया था, जिसमें करीब 1500 लोग शामिल हुए। पहले उस व्यक्ति और उनकी पत्नी के कोरोना वायरस पॉज़िटिव होने की बात सामने आई। लेकिन पति-पत्नी ने न तो अपने आने और लोगों से मिलने के मामले में एहतियात बरती, न ही लक्षणों के बारे में डॉक्टर को बताया। नतीजा- इन पति-पत्नी के संपर्क में आए 23 रिश्तेदारों का टेस्ट किया गया और उनमें से 10 के सैंपल पॉज़िटिव आए। देखते-देखते मुरैना के करीब 26,000 लोगों को होम क्वारंटीन कर दिया गया। मुरैना से अब तक 13 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।

लखनऊः कनिका की लापरवाही पड़ी देश पर भारी
लंदन से आने के बाद कनिका कपूर ने लखनऊ में दो-तीन बड़ी पार्टियों में बतौर कलाकार हिस्सा लिया था जिनमें बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। कोरोना पॉजिटिव कनिका ने यह बात छिपाई थी। महानगर स्थित जिस सोसायटी में कनिका का परिवार रहता है उसमें करीब 700 फ़्लैट हैं। जिनमें शहर के कई प्रतिष्ठित लोग भी रहते हैं। यह बिल्डिंग बीजेपी के राज्यसभा सांसद संजय सेठ की बताई जा रही है। शासन के सामने सबसे बड़ी समस्या इन फ़्लैट्स में रहने वाले लोगों के जांच की रही। वहीं जिन पार्टियों में कनिका कपूर शामिल हुई थीं, उनमें से एक पार्टी में कुछ राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के अलावा कई बड़े अधिकारी भी शामिल हुए थे। पूर्व सांसद अक़बर अहमद डंपी के घर हुई इस पार्टी में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके सांसद बेटे दुष्यंत सिंह भी शामिल हुए थे।

 

 

Ajay kumar