कोरोना का कहर: पांच बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया, परेशान परिवार लगा रहा मदद की गुहार

punjabkesari.in Friday, Jun 04, 2021 - 01:15 PM (IST)

फर्रूखाबाद: कोरोना काल में कितनी मांओ ने अपने बेटे खो दिए व कितने बच्चों के सिर से बाप का साया उठ गया। कोरोना ने कितने परिवारों के घर उजाड़ दिए जिससे बेटे बिन माँ, पति बिना पत्निया ब पिता बिना बच्चे अनाथ हो गए। घर में जो कमाने वाला था वह इस दुनिया में नहीं रहा। इसे ईश्वर की विडंबना कहे या सरकार के सिस्टम की लाचारी। ऐसा ही एक मामला फर्रुखाबाद के भोपत पट्टी में सामने आया है, जहां कोरोना ने पांच बच्चों के सिर से बाप का साया छीन लिया। परिवार में एक बेटा मात्र कमाने का साधन था वह भी कोरोना काल में काल के गाल में समा गया।

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बदा दे कि सिर से पिता का साया उठने से नैन्सी, पीयूष पूरब, आयुष, व अक्षांक अब अनाथ हो गए हैं। इस कोरोना काल में एक ही घर से दो बेटा और पति के शव से नन्ही देवी के अंशू रुकने का नाम नहीं ले रहे है। गौरतलब है कि 20 अप्रैल जगदीश को बुखार आने पर नन्ही देवी अपने पति प्राइवेट अस्पताल ले गयी। डाक्टरों ने जगदीश को कोरोना की जाँच के लिए कहा। कोरोना की रिपोट पॉजिटिव आने से पहले ही पति को साँस लेने में दिक्क्त के चलते मौत हो गई। अपने पिता की सेवा करते हुए सचिन और रचिन भी कोरोना सक्रमित हो गए। लगभग 10 दिन बाद 1 मई को छोटे बेटे रचिन ने दम तोड़ दिया 2 दिन बाद बड़े बेटे सचिन भी कोरोना की भेंट चढ़ गए। इस घर में अब 5 बच्चे बच्चे हैं। इस परिवार के सामने ऐसी समस्या आकर खड़ी हो गई जिससे पूरा परिवार सदमे में है कमाने वाला कोई भी नहीं घर का खर्चा कैसे चलेगा इस पर कोई भी देखने वाला या सुनने वाला नहीं है। 

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महामारी में अनाथ हुए बच्चों के लिए अलग से किसी योजना की घोषणा नहीं की गई है। जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा की व्यवस्था और छात्रवृत्ति आदि के भी लाभ दिलाए जा सकते हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी भारत प्रसाद ने बताया कि सत्यापन के बाद शासन को निर्धारित प्रारूप पर रिपोर्ट भेजी जाएगी।अभी तक कोई इन बच्चो के लिए कोई योजना लागु नहीं की गयी है। बच्चों के लिए योजना आते-आते कितना समय लगेगा यह देखने वाली बात है तब तक कि बच्चे क्या करें क्या खाएं कैसे पढ़ाई पूरी करें सोचने वाली बात है।


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Content Writer

Umakant yadav

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