कन्नौज में कोरोना से तबाही का मंजर, श्मशान घाट पर चलती चिताएं बयां कर रही हैं हकीकत

punjabkesari.in Saturday, Apr 24, 2021 - 05:20 PM (IST)

कन्नौज: कोरोना का कहर बड़े शहरों के बाद किस कदर छोटे शहरों में अब तबाही मचा रहा है इसकी एक भयानक तस्वीर यूपी के कन्नौज जिले से सामने आई है। यहाँ सरकारी आंकड़ों में लोगों की मौतों की संख्या भले ही दो से पांच प्रतिदिन दिखाई जा रही है लेकिन इसकी हकीकत श्मशान घाटों में एक के बाद एक जलती चिताओं को देखकर लगा सकते हैं। रोज बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। 18 अप्रैल से पहले इन श्मशान घाटों पर 18 से 20 शव अंतिम संस्कार के लिए आते थे लेकिन 18 अप्रैल के बाद अचानक 50 से ज्यादा शव रोज अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं।



श्मशान घाट कर्मी राजनारायण पांडेय ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार घाटों पर नहीं देखा। उन्होंने बताया कि 18 अप्रैल को 50 शव अंतिम संस्कार के लिए आये थे उसके बाद लगातार शवों की संख्या बढ़ती जा रही है। 22  अप्रैल को मेहंदी गंगा घाट स्थित श्मशान घाट पर 64  लोगों  का व 23 अप्रैल को 67 लोगो के शवों का अंतिम संस्कार किया गया।  उन्होंने बताया कि मृतकों में सबसे ज्यादा बुजुर्ग है। कोरोना से मरने वाले वालों का शव भी अंतिम संस्कार के लिए आता है। उन शवों को दूर हटकर जलाया जाता है। मौतों की ये संख्या हिन्दू धर्म के लोगों की है मुश्लिम धर्म के लोगो की मौतों की संख्या का अभी तक पता नहीं लग सका है।


बता दे कि कन्नौज जिले में दो तीन स्थानों पर लोगो के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। ये आंकड़ा सिर्फ एक शमशान घाट का है जबकि दूसरे शमशान घाट में शवों के अंतिम संस्कार का आंकड़ा नहीं मिल सका है लेकिन सूत्र बताते  हैं कि दूसरे श्मशान घाट पर भी कतारों में चिताएं जलाई जा रही हैं। विपक्षी नेता सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार की बदइंतजामी के चलते मरीजों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने से वह दम तोड़ रहे और सरकार मौतों के आंकड़ों को छुपा रही है।


वही कन्नौज के जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा का कहना है की कोरोना संक्रमण काफी तेजी से बढ़ा है। कोरोना के साथ साथ अन्य बीमारियों से भी लोगों की मौत होती रहती हैं। उनकी निगरानी टीम मुस्तैद है वह लगातार हालात पर नजर बनाये हुए है।


गौरतलब है कि जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर में अचानक बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं और अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन जीवन रक्षक जैसे संसाधन खत्म हो रहे हैं, वैसे वैसे अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजो को भी इलाज के लिए अस्पतालों में जगह नहीं मिल पा रही है। यही कारण है कि कई ऐसे मरीज हैं जिनको समय से इलाज नहीं मिल पा रहा है और वह काल के गाल में समाते जा रहे हैं। वर्तमान में जिले में 1966 एक्टिव कोरोना मरीजो का इलाज चल रहा है अबतक 67 लोगों की मौत हो चुकी है। आज 211 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

Content Writer

Umakant yadav