कोरोना का खौफ: अपनों ने मुंह मोड़ा तो रोजेदार मुस्लिम युवकों ने कराया अंतिम संस्कार

punjabkesari.in Tuesday, May 04, 2021 - 05:06 PM (IST)

बलरामपुर: कोरोना के इस वीभत्स काल मे जब पूरी मानवता कराह रही हो और इंसानी रिश्ते तार तार हो रहे हो तो भगवन कोई ना कोई फरिस्ते को भेज ही देता है। ऐसा ही ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में देखने को मिला जहां पर कुछ रोजेदार युवाओ ने इंसानियत की एक अदभुत मिशाल पेश की और  जब कोरोना से संक्रमित मरीज की मौत के बाद परिवार वालों ने अंतिम संस्कार करने से हाथ खड़े कर दिये तो इन रोजदार युवाओ ने अपनी जान को जोखिम में डालकर मृतक का अंतिम संस्कार कराया ।

बता दें कि  बलरामपुर नगर के पुरैनिया निवासी मुकुंद मोहन पांडेय 60 वर्षीय की, 3 मई को कोरोना से मौत हो गई और कोरोना के डर से परिवार वालों के साथ साथ पड़ोसियों ने अंतिम संस्कार करने से किनारा कर लिया । इस बात की जानकारी नगर पालिका परिषद के चेयरमैन के प्रतिनिधि शाबान अली को मिली तो उन्होंने अपने रोजेदार मित्रों को बुलाया और मुकुंद पांडेय के शव का कफ़न दफन अपने हाथों से तैयार कराया । फिर उनके शव को लेकर श्मशान तक गए और चिता पर लिटा कर उनके शव का अंतिम संस्कार किया ।

गौरतलब है कि मुकुंद पांडेय के बड़े भाई ललित पांडेय का 30 अप्रैल को कोरोना से निघन हो गया था । इस सदमे से परिवार वाले उभर भी नही पाए थे कि दो दिन बाद मुकुंद पांडेय की भी कोरोना से मौत हो गयी । 2 दिन में दो मौतों से पूरा परिवार दहशत में आ गया और कोई भी शव के पास जाने को तैयार नही था । इस बात की जानकारी मिलने पर शाबान अली ने अपने मित्रों , तारिक , अनस , शफीक गुड्डू को बुलाया और उनके घर जाकर मुकुंद पांडेय का कफ़न दफन तैयार कर उनके शव को  टाटा मैजिक गाड़ी से लेकर हिन्दू रीति के अनुसार राप्ती नदी श्मशान घाट गये और वहाँ चिता पर लिटा कर उनके बेटो को फोन करके बुलाया जिन्होंने आकर अपने पिता को मुखाग्नि दी। वहीं इस कार्य से लोगों ने शाबाना की खूब तारीफ कर रहे है। 

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Ramkesh