कोरोना का कहर: 5 बेटियों के सिर से उठ गया पिता का साया, नम आंखों से बेटी ने किया अंतिम संस्कार

punjabkesari.in Saturday, May 15, 2021 - 03:44 PM (IST)

मथुराः कहते हैं हिंदू धर्म में स्त्रियां शमशान नहीं जाती, लेकिन आज मथुरा के ध्रुव घाट पर एक बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान रिश्तेदार और पड़ोसी भी अंतिम यात्रा में काफी कम संख्या में मौजूद रहे, लेकिन किसी ने आगे बढकर मुखग्नि देने की हिम्मत नहीं की। आखिर उनकी बेटी आगे आई और पिता को रोते हुए मुखाग्नि दी।

मृतक गिरधारी लाल चतुर्वेदी के 5 पुत्रियां और एक बेटा था, बेटे की कुछ वर्ष पूर्व मृत्यु हो गई थी। बेटी ने काफी देर इंतजार किया कि कोई रिश्तेदार मुखाग्नि दे दे, लेकिन कोई आगे नहीं आया। शमशान घाट पर हृदय को झकझोर देने वाला वाक्या घटित हुआ जब एक बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। उसकी अश्रुधारा रुकने का नाम नहीं ले रही थी। बार-बार पिता को याद कर वह फफक-फफक कर रो रही थी और ईश्वर से कह रही थी कि प्रभु अब और किसी के सिर से पिता का साया ना उठे।  

कोरोना के कहर ने आज पांच बेटियों के सिर से पिता का साया छीन लिया। हालांकि पांचों बेटी शादीशुदा हैं। मानिक चौक सिन्हा जी मंदिर निवासी 75 वर्षीय गिरधारी लाल चतुर्वेदी उर्फ मांगे पिछले करीब 8 दिन से मथुरा स्थित के.डी.हॉस्पिटल में भर्ती थे। मगर वह कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए। कोरोना के चलते उनकी पांचों बेटियां मथुरा में ही रह रही हैं। मौत के बाद उनकी सबसे छोटी पांचवीं बेटी पृघ्या चतुर्वेदी ने बेटे का फर्ज अदा करते हुए अपने पिता को मुखाग्नि देकर अपना वास्तविक फर्ज अदा किया। 

रिश्तेदार और पड़ोसी भी अंतिम यात्रा में काफी कम संख्या में मौजूद रहे मगर किसी ने आगे बढकर मुखग्नि देने की हिम्मत नहीं की, आखिर उनकी बेटी आगे आई और पिता को रोते हुए मुखाग्नि दी।   मुखाग्नि देने वाली उनकी बेटी मृज्ञा ने बताया कि उनकी ससुराल ककोरणघाटी पर ही है,लेकिन पति मुंबई में नौकरी करते हैं। इसलिए वह भी उनके साथ मुंबई में ही रहती हैं। कोरोना के चलते होली पर वह मथुरा आ गई थीं और तब से यही रह रही हैं आज उनके सिर से पिता का साया उठ गया। 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj