कोरोना का कहर: स्कूल प्रबंधक पत्नी समेत किडनी बेचने को मजबूर, CM से मांगी अनुमति

punjabkesari.in Friday, Apr 02, 2021 - 03:01 PM (IST)

अलीगढ़: कोविड-19 के चलते 1 वर्ष पूर्व लगे लॉकडाउन का हर कोई शिकार हुआ। अनलॉक होने के बाद जिंदगी फिर से पटरी पर वापसी करने तो लगी, लेकिन स्कूल आज भी लॉकडाउन पड़े हैं। जिसका असर अब भयानक रूप लेता नजर आ रहा है। बैंक से कर्ज लेकर बने स्कूल बंद होने के चलते, बैंक कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ नजर आने लगे हैं। बैंक का कर्ज चुकाने के लिए एक स्कूल प्रबंधक दम्पति व प्रधानाचार्य किडनी बेचने को मजबूर हो चुके हैं। जिसके मुख्यमंत्री से अनुमति मांगी है। अन्यथा बैंक, स्कूल को नीलाम कर देंगे।

दरअसल, अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी इलाके के बरौली बाईपास स्थित हर्षित कान्वेंट स्कूल के निदेशक नरेश ने बताया कि, उन्होंने मार्च 2018 में आर्यावर्त बैंक ऊपर कोर्ट से बरौला में स्कूल बनाने के लिए 23 लाख रुपए का ऋण लिया था। जिस की किस्त हर माह दी जा रही थी। इसी बीच स्कूल के लिए ही 18 सीटर बस को एचडीएफसी से फाइनेंस कराया गया। उसकी भी किस्तें देना निरंतर रखा। तभी सीएए/एनआरसी प्रदर्शन को लेकर प्रशासन के निर्देश पर स्कूल बंद हो गए। जनवरी में खुले तो मार्च में पुनः लॉकडाउन ने बंद करा दिया। जिसके चलते किस्त टूट गई। पूरे देश में सब कुछ सामान्य हो गया। लेकिन स्कूल नहीं खुले। जिसके चलते बैंक की क़िस्त के साथ बिजली का बिल भी ड्यू हो गया। अब बैंक वाले ब्याज लगाकर स्कूल नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। जिसके लिए नोटिस आ चुका है। बिजली वाले कनेक्शन काटने को आ जाते हैं। जिससे सामाजिक बदनामी होती है। डॉ नरेश ने कहा कि इसलिए मैं, स्कूल प्रबंधक उनकी पत्नी मनीषा सिंह और स्कूल के प्रधानाचार्य सत्येंद्र भानु ने निर्णय लिया है कि खुद की किडनी बेचकर बैंक का कर्ज चुकता कर देंगे। तीनों ने अपनी किडनी बेचने की अनुमति मुख्यमंत्री से पोर्टल पर शिकायत कर मांगी है। वहीं जिला प्रशासन से भी अनुरोध किया है।


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Ramkesh

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