कोरोनाः सादगी से मनेगा ‘रामलला’ का जन्मोत्सव, विहिप ने कहा- ''घर पर करें रामनाम कीर्तन''

punjabkesari.in Wednesday, Apr 01, 2020 - 12:43 PM (IST)

अयोध्याः सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर निर्माण के फैसले के बाद से देश भर में खुशी की लहर दौड़ गई। ऐसे में रामनगरी अयोध्या में होने वाले रामनवमी के भव्य उत्सव का सभी को बेसब्री से इंतजार था। इस बार प्राकट्योत्सव को भव्यता से मनाने की तैयारी थी। वहीं खतरनाक कोरोना वायरस ने उत्सव पर ब्रेक लगा दिया है। कोरोना की वजह से इस बार जनमोत्सव बेहद सरल तरीके से मनाया जाएगा।

2 अप्रैल को है रामनवमी
बता दें कि इस बार रामनवमी 2 अप्रैल को है। प्रत्येक वर्ष रामलला के जन्मोत्सव का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता था। वहीं इस अवसर पर सभी वैष्णव मंदिरों में मध्याह्न ठीक 12 बजे उत्सव के आयोजन के बीच रामलला की प्राकट्य आरती होगी। इस मौके पर पूर्व की अपेक्षा प्रसाद की व्यवस्था को सीमित कर दिया गया है।

रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि कोरोना की महामारी को लेकर सीमित व्यवस्था में उत्सव का आयोजन किया जाएगा। पर्व पर मध्याह्न भगवान का पंचामृत से अभिषेक कर षोडशोपचार पूजन किया जाएगा। इसके साथ भगवान का श्रृंगार कर उनकी आरती उतारी जाएगी। उन्होंने बताया कि पूर्व मेंं तीन अलग-अलग प्रकार की पंजीरी जिसमें धनिया, रामदाना व सिंघाड़ा आटा शामिल रहता है, को मिलाकर 50 किलो प्रसाद बनता था। यह प्रसाद अब 20 किलो बनाया जाएगा। इसी तरह से 50 लीटर दूध-दही-घृत-मधु-गंगाजल व मेवा मिलाकर पंचामृत बनाया जाता था लेकिन इस बार 15 लीटर पंचामृत ही बनाया जाएगा।

विश्व हिन्दू परिषद ने रामलला का जन्मोत्सव घर-घर मनाने का आह्वान करते हुए कहा कि कोरोना की वैश्विक महामारी में सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए आग्रह किया कि उत्सव के उपरांत रामनाम महामंत्र 'श्रीराम जय राम जय जय राम ' का सामूहिक संकीर्तन करें। इसके अलावा शाम को घरों व आसपास के देवालयों में दीप प्रज्जवलित करें। रामचरित मानस का प्रसारण भी ध्वनि विस्तारण यंत्र लगाकर किया जाए। विहिप की ओर से भेजे गए पत्र में विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष जस्टिस विष्णु सदाशिव कोकजे, कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, रामजन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास व ट्रस्टी गोविन्द देव गिरी महाराज के हस्ताक्षर हैं। 

 

Ajay kumar