कोरोना योद्धा ने निभाया देश सेवा का फर्ज, मासूम बेटे की अंत्येष्टि कर ड्यूटी की ज्वॉइन

punjabkesari.in Friday, Apr 24, 2020 - 06:31 PM (IST)

मुजफ्फरनगर: कोरोना महामारी के इस संकट में लगे सिपाही अपनी जान को हथेली पर रख कर अपना फर्ज अदा कर रहे है। ड्यूटी पर तैनात आरक्षी रिंकू ने ऐसे लोगों को आईना दिखाया है जो इस संकट काल में किसी न किसी बहाने से घर पर बैठे हैं ताकि ड्यूटी न करना पड़े। वह अपने मासूम बेटे को खोने के बाद भी 4दिन में ही ड्यूटी पर लौट आए। महामारी के दौर में ऐसे डॉक्टर भी सामने आए हैं जिनके साथी तो बहाने से छुट्टी लेकर ड्यूटी छोड़ गए, लेकिन वे तब तक मरीजों से जूझते रहे जब तक कि वे ठीक नहीं हो गए।

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान आरक्षी रिंकू कुमार के इकलौते बेटे हार्दिक की अचानक तबीयत खराब हुई। छुट्टी लेकर वह ससुराल में मेरठ गए। वहां बीमार बेटे को निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन तीन वर्षीय बेटे की मौत हो गई। बेटे को खोने पर उन्हें और पत्नी रजनी पर गम का पहाड़ टूट पड़ा। उन्होंने वैश्विक महामारी को इस सदमे से बड़ा बताते हुए बेटे की अंत्येष्टि ससुराल अब्दुल्लापुर मेरठ में ही कर दी। लॉकडाउन की वजह से वह अपने पैतृक गांव सदुल्लापुर थाना हापुड़ भी नहीं जा पाए।

वहीं अंतिम संस्कार की क्रियाएं पूरी कराकर अपने गांव जाए बिना ही लौट आए। बकौल रिंकू उन्हें दुख की घड़ी में गमजदा पत्नी के साथ रहने को इमरजेंसी छुट्टी मिल जाती, लेकिन उन्हें घर के गम से ज्यादा कोरोना महामारी की चिंता सताती रही। उन्होंने 4 दिन बाद आकर ड्यूटी जॉइन कर ली।उन्होंने कहा कि बेटे की मौत का गम तो है। लेकिन कोरोन महामारी में देश सेवा के के प्रति फर्ज भी निभाना है। 

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Ramkesh