भ्रष्टाचार: मैन्यूफेक्चरिंग डेट से पहले CMO कार्यालय के कागजों में दौडी गाड़ी

punjabkesari.in Wednesday, Jun 26, 2019 - 12:08 PM (IST)

मथुरा: गाडी कंपनी से बनकर निकली नहीं, किसी आरटीओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन हुआ नहीं और सीएमओ कार्यालय ने 3 महीने पहले ही गाड़ी को अपने यहां कागजों में दौड़ा कर एक लाख रूपए से अधिक का भुगतान एक कंपनी को कर दिया। अब यही कारगुजारी तत्कालीन सीएमओ सहित कई उन जिम्मेदार अधिकारियों की गले की फांस बन गई है जो इस पूरे खेल में शामिल थे।

इस खेल का खुलासा तब हुआ जब एक शिकायत पर अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य ने सीएमओ कार्यालय मथुरा को जांच के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि सरकार द्वारा चलाए गए तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रचार अभियान के लिए सीएमओ कार्यालय की ओर से गाड़ी (नं. यू.पी. 14 जी.टी. 5326) को 10 अक्तूबर 2017 को अडींग से सीएमओ आफिस तक 34 किलोमीटर चलता हुआ दिखाया गया है। ड्राइवर का नाम राजू दिखाया गया है। सुपरविजन एनटीपीसी की दिखाई गई। इसी तहर अन्य तारीखों में भी गाड़ी को चलता दिखाया गया है, जो गाड़ी की आरसी के मुताबिक उसकी मैन्यूफेक्चरिंग डेट से पहले की तारीख है।

गाड़ी का रजिस्ट्रेशन आरटीओ कार्यालय गाजियाबाद में 8 जनवरी 2018 को हुआ और यह गाड़ी कंपनी से बनकर 3 अक्तटूबर 2017 को निकली। शिकायतकर्ता आरटीआई कार्यकर्ता प्रेम चतुर्वेदी की शिकायत पर हुई इस जांच के लिए सीएमओ ने अपर मुख्य चिकित्साअधिकारी डॉ. देवेन्द्र अग्रवाल, जिला प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अनुज कुमार और अपर मुख्य चिकित्साअधिकारी प्रशासन डॉ. ब्रजेश की 3 सदस्यीय समिति बना कर जांच सौंप दी। इस जांच समिति ने जांच पूरी कर सीएमओ कार्यालय से रिपोर्ट 8 जून को भेज दी गई।

यह है जांच रिपोर्ट
जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 3 अक्तूबर 2017 से 14 जनवरी 2018 तक वाहन (नं. यू.पी. 14 जी.टी. 5236) उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं था। इस अवधि का भुगतान किया जाना गलत है। भुगतान 3 अक्तूबर से 14 जनवरी 2018 तक नियम विरूद्ध किया गया। नियमानुसार 15 जनवरी 2018 से 28 मार्च 2018 तक 1065 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से कुल 47926 रूपए का भुगतान किया जाना चाहिए था लेकिन इस वाहन का भुगतान 1.5 लाख रूपए किया गया है। अत: 102076 रूपए का अधिक भुगतान किया गया है जो कि सरकारी धन का दुरूपयोग है।

Anil Kapoor