बेटियों पर हो रहे अत्याचार से दंपत्ति आहत, कहा- बेटी बचाओ नहीं, छिपाओ अभियान चलाए सरकार

punjabkesari.in Sunday, Jul 01, 2018 - 03:51 PM (IST)

बागपतः बेटियों के साथ बढ़ती रेप की घटनाओं और उनकी हत्या से नाराज बागपत के एक समाजसेवी दंपत्ति ने फैसला किया है कि वो बेटियां पैदा नहीं करेगा, क्योंकि समाज में भूखे भेड़िए घूम रहें हैं और उनसे बेटी की जान को खतरा है। उन्होंने मोदी सरकार के उस नारें से भी किनारा कर लिया है, जिसमें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात कही गई है और सरकार से गुजारिश की है कि सरकार बेटी बचाओ नहीं बेटी छिपाओ अभियान चलाए।

बेटी बचाओ को बदलकर बेटियां छिपाओ मिशन करें मोदी-दंपत्ति 
दरअसल, बागपत के रहने वाले दंपत्ति ने बागपत कलक्ट्रेट पर धरना दिया है। उन्होंने साफ कहा कि जब तक मोदी सरकार है, वो बेटियां पैदा नहीं करेंगे, क्योंकि बेटियां महफूज नहीं हैं। इसके अलावा इस दंपत्ति ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की है कि इसके लिए सरकार कठोर कानून बनाए क्योंकि देश मे बेटियां असुरक्षा के माहौल में जी रही हैं। उन्होंने कहा है अगर सरकार बेटियों को नहीं बचा सकती तो अपना मिशन बेटी पढ़ाओ ओर बेटी बचाओ को बदलकर बेटियां छिपाओ कर दें।

राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन 
समाज में बेटियों पर बढ़ते अत्याचार का दंपत्ति पर इतना असर पड़ा कि अभी कुछ महीने पहले ही हुई शादी के बावजूद उन्होंने बेटी न करने का फैंसला कर लिया। क्योंकि जब बेटियां सुरक्षित ही नहीं हैं, तो फिर बेटिया पैदा क्यों की जाएं। इन्होंने राष्ट्रपति को भी एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें अपनी व्यथा जताई गई है। सुभाष कश्यप का कहना है कि जब तक मोदी सरकार है वो बेटियां पैदा नहीं करेंगे, क्योंकि बेटियां पैदा करने से डर लगता है।

देश में बेटियों पर हो रहे अत्याचार से दंपत्ति आहत
दरअसल, पूरे देश में जगह-जगह बेटियों पर अत्याचार हो रहें हैं। कहीं रेप की वारदातें हो रहीं हैं, तो कहीं रेप के बाद बेटियों का कत्ल किया जा रहा है। कहीं बेटियों पर अत्याचार हो रहें हैं तो कहीं बेटियों को दहेज के दानव लील रहें हैं। रूबी कश्यप का कहना है कि वो भी बेटी पैदा नहीं करेंगी, क्योंकि भेडिए बेटी को खा न जाएं। 
 

Tamanna Bhardwaj