मिशालः बेटी से रेप के आराेपी पिता काे काेर्ट ने 5 दिन में सुनाई उम्रकैद की सजा

punjabkesari.in Tuesday, Dec 17, 2019 - 04:37 PM (IST)

सिद्धार्थ नगर: इस समय जब देशभर में रेप पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने पर हर तरफ बहस हो रही है, हर कोई जल्द इंसाफ की मांग कर रहा है। ऐसे में सिद्धार्थ नगर में रेप की एक  घटना के 5 दिन के भीतर  आरोपी को सजा दिलाकर मिश्रौलिया थाने की पुलिस ने एक मिसाल कायम किया है। पुलिस की तत्परता  और फ़ास्ट ट्रैक के त्वरित फैसले से पीड़ित परिवार काफी खुश है। वहीं लोगों में ये फैसला चर्चा का विषय बना हुआ है।

बता दें कि  ये पूरा मामला सिद्धार्थ नगर जिले के मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के एक गांव का है। जहां एक महिला ने अपने ही पति पर अपनी नाबालिक लड़की के साथ रेप का आरोप लगाते हुए 16अक्टूबर को थाने में तहरीर दी थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और 18 नवम्बर को चार्ज सीट न्यायालय में दाखिल की। चार्ज सीट दाखिल होने के बाद 5 दिनो में ही पुलिस ने न्यायालय में गवाहों को पेश किया। जिसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) राम चन्द्र यादव ने अपना फैसला सुना दिया। रेप की घटना को अंजाम देने वाले पिता को न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

जल्दी न्याय मिलने से मां काफी खुश
रेप पीड़िता नाबालिक लड़की की मां जल्द मिले न्याय से संतुष्ट है। उसका कहना है कि उसके पति ने उसकी बेटी के साथ रेप किया तब वो रिश्तेदारी में गयी थी। जब घर वापस आई तो बेटी ने रो-रो कर उसे बताया कि उसके बाप ने उसका रेप किया है। ये सुन कर वो हतप्रभ रह गई और हिम्मत जुटाकर थाने गई। पीड़िता की मां का कहना है कि शिकायत किया तो हमारी सुनवाई हुई सभी ने मिलकर हमारा साथ दिया। हमारे पति का चालान हुआ। जब न्यायालय गई तो वहां भी पूरी मदद मिली। दो दिन में गवाही हुई और 4 दिनों में सुनवाई पूरी हो गई। जिसके बाद मेरे पति को सजा मिल गई। पीड़िता की मां ने कहा कि उसे उम्मीद नहीं थी कि उसे इतनी जल्दी न्याय मिलेगा। इतनी जल्दी न्याय मिलने से वो काफी खुश है।

थानाध्यक्ष अलोक श्रीवास्तव का कार्य सराहनीय
इस बारे में पाक्सो एक्ट के सरकारी वकील पवन कुमार पाठक ने कहा कि इस पूरे न्यायिक प्रक्रिया में थानाध्यक्ष अलोक श्रीवास्तव का कार्य सराहनीय है। वो इस केस के विबेचक थे उन्होंने समय से विवेचना पूरी कर न्यायालय में चार्ज सीट दाखिल कर दी जिससे पीड़िता को 5 दिनों में ही न्याय दिलाया जा सका। रेप केस में ये पहला मामला है जिसमें न्यायालय में केश शुरू होंने के 5 दिनों में ही गवाही पूरी की गई और सजा का ऐलान भी हो गया।

त्वरित कार्रवाई से क्रिमिनल पर पड़ेगा असर
वहीं जिले के पुलिस अधीक्षक विजय ढुल ने बताया कि मिश्रौलिया थाने में एक पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। जिस पर पुलिस ने तत्परता से त्वरित विवेचना करके न्यायालय में चार्ज सीट भेज दी थी। माननीय न्यायालय ने उसका संज्ञान लेकर जितनी भी अभियोजन की कार्यवाही थी 5 दिनों में पूरी करके जो अभियुक्त था उसको सजा सुना दी। इस बारे में मुझे इतना कहना है कि अगर पुलिस इसी तरह से अपनी विवेचना जल्दी पूरी करे, माननीय न्यायालय में उसकी प्रभावी पैरवी करे और तुरंत ही सभी लोगों की गवाही  हो जाये, उसे टाइम बाउंड सेशन में पेश करे तो इसका असर क्रिमिनल पर पड़ेगा। जिससे उसे जल्द ही सजा भी मिल जायेगी।

त्वरित न्याय तो हैदराबाद पुलिस ने भी किया था लेकिन उनकी कार्यशैली पर सराहना के साथ सवाल भी उठे थे। लेकिन सिद्धार्थ नगर की पुलिस ने कानून की हद में रहकर इंसाफ दिलाने की जो पहल की है वो काबिले तारीफ़ है। अगर इसी तरह हर मामले में पुलिस तत्परता से कार्रवाई करे तो लोगों का विश्वास जरूर बढ़ेगा।

 

Ajay kumar