इससे शर्मनाक और क्या! तार लगाकर जातियों में बांट दिया श्मशान घाट, देखिए तस्वीरें

punjabkesari.in Friday, Feb 19, 2021 - 11:53 AM (IST)

बुलंदशहर: भारतीय संविधान के आर्टिकल 14 के हिसाब से भारत में किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता, लेकिन जातीय भेदभाव अभी भी विकास की राह में रोड़ा बना हुआ है। ताजा मामला बुलंदशहर के पहासू का है। यहां इंसानियत को शर्मसार करते हुए श्मशान घाट को दो हिस्सों में बांट दिया गया। एक तरफ अगड़ी जाति के लोग तो दूसरी तरफ दलितों के शव जलते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत चुनाव को देखते हुए ऐसा किया गया है।

जानिए क्या है मामला? 
दरअसल, पहासू ब्लॉक के बनैल गांव में यहां श्मशान घाट को जाति के आधार पर बांट दिया गया। गांव में श्मशान घाट का निर्माण 2017 में किया गया था। पता चला कि कुछ समय बाद ही इसको दो हिस्सों में बांट दिया गया। ये गांव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक रहे राजेन्द्र सिंह उर्फ रज्जू भैया का पैतृक गांव होने के कारण चर्चित है। शमशान में इस तरह तारबंदी की गई है, जैसे ये दो देशों की सीमा हो। इस तारबंदी के एक तरफ अगड़ी जातियों के लोगों के शव जलाए जाते हैं, वहीं तार का दूसरा हिस्सा दलितों के लिए है। यानि बनैल गांव में बने इस शमशान में मुर्दे की जाति देखकर उसका अंतिम संस्कार किया जाता है।

तारबंदी किया जाना गलत-ग्रामीण 
इस बारे में ग्रामीण सचिन राघव, गौरव चौहान कहते हैं कि जातीय भेदभाव के चलते इस तरह तारबंदी किया जाना गलत है। मगर जब यहां तारबंदी की गई होगी उस वक्त किसी की ओर से इसका मुखर विरोध नहीं किया गया होगा। अगर किया गया होता तो बुलंदशहर के इस गांव से शायद ऐसी तस्वीर सामने नहीं आती।

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी- पहासू के बीडीओ
वहीं पहासू के बीडीओ घनश्याम वर्मा का कहना है कि मामला अब उनके संज्ञान में आया है और प्रकरण की जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी, वीडियो सामने आने के बाद मामले की जानकारी हुई है। जांच कराई जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।  

Content Writer

Tamanna Bhardwaj