खुदाई में मिला महाभारत काल का श्मशान घाट, देखिए तस्वीरें

punjabkesari.in Sunday, Sep 13, 2020 - 06:14 PM (IST)

मेरठः अर्कीलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम लंबे समय से महाभारत काल के अवशेषों एकत्र करने में जुटी है। ताकि वहां से इतिहास का आसानी पता लगाए जाए। वहीं इस बीच यूपी के मेरठ से हस्तिनापुर स्थित प्राचीन पांडव टीले पर बांध और हड्डियों के अवशेष मिलने से सनसनी फैल गई है।
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इन अवशेषों को हड़प्पा संस्कृति से जोड़कर देखे जा रहे हैं। इसके अलावा मुगलकालीन और महाभारत कालीन अवशेष मिलने की भी संभावना जताई जा रही है।
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नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रियांक भारती की मानें तो यहां पर प्राचीन सभ्यता के अवशेष कई बार मिल चुके हैं। 
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1950 में अर्कीलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने खुदाई की थी। उसमें भी कई ऐसे अवशेष मिले थे जो भारत की प्राचीन संस्कृति और धरोहर को दर्शाते हैं।
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इसके अलावा एएसआई की टीम ने उसके बाद कई बार यहां खुदाई करने की। जिसमें कई प्राचीन बर्तन मिले हैं। प्रोफेसर प्रियांक भारती उत्खनन को लेकर हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की है।
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जिसके बाद अब पांडव टीले की मिट्टी कटान होने के कारण कुछ बर्तन और हड्डियों के अवशेष मिले हैं।
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इन बर्तनों पर जो चित्रकारी हुई है वह हड़प्पा काल से जोड़कर देखी जा रही है। वहीं जो हड्डियों के अवशेष मिले हैं।
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माना जा रहा है कि यहां कोई हड़प्पा या महाभारत काल का शमशान घाट रहा होगा। क्योंकि काफी हड्डियों के अवशेष यह मिट्टी के नीचे दबे हुए दिखाई दे रहे हैं।
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इसके अलावा जिस तरह से सिनौली साइट पर रथ, हथियारों के अवशेष मिले हैं।
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उसी तरह से पांडव टीले के नीचे भी इसी तरह के अवशेष दबे होने की आशंका के प्रबल प्रमाण मिलते हुए नजर आ रहे हैं।
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उन्होंने मांग की कि अर्कीलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को मेरठ की इस सांस्कृतिक धरोहर को बाहर निकालने के लिए उत्खनन करना चाहिए।
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उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि उत्खनन कराया जाए। ताकि मुगल काल ,हड़प्पा और महाभारत काल के अवशेष बरामद किए जा सके और उस से लोगों को रूबरू कराया जा सके। साथ ही भारत की गौरवशाली इतिहास का सही ढंग से पता चल सके। 

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Tamanna Bhardwaj

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