महाशिवरात्रि पर मनकामेश्वर मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, सुबह से लगी भक्तों की लाइनें

punjabkesari.in Friday, Mar 08, 2024 - 01:28 PM (IST)

Mahashivratri 2024/ Lucknow: महाशिवरात्रि का पर्व आज यानी 8 मार्च को पूर्व देश में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। देश के सभी मंदिरों में लोग पूजा कर रहे हैं। साथ ही गंगा और पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में स्थित मनकामेश्वर मंदिर में भी भक्त भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।

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रात 2 बजे से लगी लाइनों से भक्तों में शिवरात्रि का अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। मनकामेश्वर मंदिर में लखनऊ के साथ-साथ कई जिलों से भक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए आ रहे हैं। जहां भोलेनाथ के आशीर्वाद से सभी भक्तों के मन की इच्छाएं पूरी होती है।
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बता दें कि फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के देव महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए ये दिन बेहद ही खास होता है। जो व्यक्ति पूरे साल सोमवार के व्रत न रख कर ये व्रत रख लेता है उसका जीवन जन्म-जन्मांतर के लिए सुखी हो जाता है। इसी के साथ जो लोग अपनी खास मनोकामना को जल्द पूर्ण करवाना चाहते हैं तो उन्हें इस दिन भगवान शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए।

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भगवान शिव हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर आदि विकारों से मुक्त करके परम सुख शान्ति और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। भगवान शिव के लिंग और मूर्ति, दोनों की पूजा की जाती है। यह पूजा इसलिए की जाती है, क्योंकि शिव ब्रह्मरूप होने के कारण निराकार और रूपवान होने के कारण साकार कहे गए हैं।

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माना जाता है कि जो भक्त शिवरात्रि को दिन-रात निराहार एवं जितेन्द्रिय होकर अपनी पूर्ण शक्ति एवं सामर्थ्य द्वारा निश्छल भाव से शिवजी की यथोचित पूजा करता है वह वर्ष-पर्यन्त शिव पूजन करने का सम्पूर्ण फल तत्काल प्राप्त कर लेता है।
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हर-हर महादेव से गूंजे फर्रुखाबाद के शिवालय, सुबह से भक्तों का लगा तांता

महा शिवरात्रि के अवसर पर फर्रुखाबाद के ऐतिहासिक शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा है। भक्त भोले बाबा को अपनी भक्ति से प्रसन्न करने के लिए उनका जलाभिषेक कर रहे हैं। उन्हें पुष्प, बेलपत्र और धतूरा अर्पित कर रहे हैं। फर्रुखाबाद में काशी के बाद सर्वाधिक शिव मंदिर हैं। इसलिए इसे अपरा काशी भी कहा जाता है। विभिन्न स्थानों पर भंडारे का भी आयोजन किया गया।


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Harman Kaur

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