भेदभाव से तंग आकर दर्जनाें दलिताें ने अपनाया बाैद्ध धर्म

punjabkesari.in Saturday, Feb 03, 2018 - 05:46 PM (IST)

मऊः हमारे देश में भेदभाव, छुआछूत, ऊंच-नीच और जात-पात जैसी सामाजिक बुराइयां खत्म होने के नाम नहीं ले रही है। आए दिन लोगों कोे इन बुराइयों के चलते कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। एेसा ही एक मामला मऊ में देखने को मिला है, जहां भेदभाव से तंग आकर दर्जनाें दलिताें ने बाैद्ध धर्म को अपना लिया।

बता दें कि मऊ जिले के मधुबन थाना अंतर्गत मखमेंलपुर गावं के हरिजन निवासियों ने भेदभाव से तंग आकर हिंदू धर्म बदलकर बौद्ध धर्म अपना लिया है। वहीं जय सिंधु संध के तत्वधान में दर्जनों हिंदू महिलाएं व पुरुषों ने धर्म परिवर्तन किया। जय सिंधु संध के संस्थापक भंते धम्म बौद्धी व बौद्धाचार्य अमीत गौतम ने रीति- रिवाज के साथ लोगों को बौद्ध धर्म की शपथ दिलाई।

बौद्ध धर्म अपनाने वाले लोगों का कहना है कि हमने इसलिए धर्म परिवर्तन किया है क्योंकि हिंदू धर्म में भेदभाव और छुआछूत जैसी प्रथाएं अभी भी प्रचलित हैं। हिंदू धर्म में स्वतंत्रता नहीं है। बाबा साहब का संदेश है कि इस देश में आजादी होनी चाहिए, लेकिन वो इस देश में नहीं है। यह आजादी झूठी है। इस देश की व्यवस्था से तंग आकर हम 75 लोगों ने अपना धर्म बदला है।

वहीं जय सिंधु संध के संस्थापक भंते धम्म बौद्धी का कहना है कि पुराने रीति-रिवाज के कारण इन लोगों को भेदभाव की दृष्टि से देखा जाता है। मैंने यहां काफी संख्या में लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया है। ये लोग अब बौद्ध धर्म में दीक्षा लेंगे। यहां न कोई बड़ा और न ही कोई छोटा है। यहां सब कुछ कर्म के आधार पर मिलता है। बौद्ध धर्म कार्य और कुशलता पर ही चलता है। इसलिए इन्होंने अपना पुराना धर्म छोड़कर बौद्व धर्म की दीक्षा ली है।