दारुल उलूम की दो टूक- कानून बनाने के नाम पर सरकार कर रही मजहबी मामलों में हस्तक्षेप

punjabkesari.in Friday, Dec 28, 2018 - 04:56 PM (IST)

सहारनपुरः तीन तलाक विधेयक को गुरुवार को लोकसभा में हंगामें के बीच पेश किया गया। वहीं इस दौरान कांग्रेस ने इस बिल का विरोध करते हुए ज्वांइट सिलेक्ट कमेटी मेें बिल भेजने की मांग की। हालांकि बिल को पास कर दिया गया, लेकिन दारुल उलूम ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है। दारुल उलूम ने इसे कानून बनाने के नाम पर मजहबी मामलों में हस्तक्षेप करार दिया है।

इस बारे में दारुल उलूम देवबंद मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि बिल के संशोधित मुसव्वदे की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मोहतमिम ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार मजहबी मामलो में कानून के रास्ते दखलअंदाजी कर रही है और किसी भी सूरत में इस तरह के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि देश का संविधान मजहबी आजादी के साथ जीने का अधिकार देता है। लेकिन सरकार संविधान में दिए गए शरीयत के कानून (मुस्लिम पर्सनल लॉ) में मुदाखलत (हस्तक्षेप) कर मजहबी आजादी को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है, जो कि चिंता का विषय है। मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम ने दो टूक कहा कि तीन तलाक और निकाह जैसे मसले पूरी तरह मजहबी मामले हैं। इनमें किसी का भी हस्तक्षेप नाकाबिले कबूल है।




















 

Tamanna Bhardwaj