लॉकडाउन: दारुल उलूम देवबंद ने दीं हिदायतें कहा- रमजान की सभी इबादतें घर में ही होंगी

punjabkesari.in Thursday, Apr 23, 2020 - 08:51 PM (IST)

मेरठ: कोरोना महामारी एवं लॉकडाउन को देखते हुए देवबंद ने रोजेदारो के लिए हिदायतें जारी की है। शुक्रवार या फिर शनिवार से मुकद्दस रमजान के रोजे शुरू हो जाएंगे। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते पहली बार रमजान की सभी इबादतें घर में ही होंगी। इसके लिए उलेमा ने अपील भी की हैं। दारुल उलूम देवबंद ने तो बाकायदा इसके लिए हिदायतें भी जारी की हैं। उलेमा ने अकीदतमंदों से अपील की है कि वे घर में ही रहकर इबादत करें।

दारुल उलूम देवबंद ने दीं हिदायतें
- किसी बीमारी में ग्रस्त होने पर ही रोजा छोड़ सकते हैं। रोजा छोडऩे के लिए किसी मुफ्ती से मसअला जरूर मालूम कर लें।
- लॉकडाउन के चलते जुमे की नमाज सहित अन्य नमाजों, तरावीह को भी घरों में ही अदा करें।
- मस्जिदों में शासन और स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों पर अमल करना चाहिए।
- यदि मस्जिदों में कुछ लोगों को नमाज पढऩे की छूट दी जाती है तो कुछ लोग ही जाएं।
- बार-बार ना जाएं बल्कि दूसरे लोगों को भी मौका देते रहें। साथ-साथ मस्जिदों की मदद भी करते रहें।
- मस्जिदों में वही लोग नमाज और तराबीह अदा करें जिन्हें इजाजत मिली हुई है।
- घरों पर चार-पांच लोगों की जमात न हो सके तो अपनी-अपनी नमाज अदा कर अल्मतरा कैफ से तरावीह अदा करें।
- लॉकडाउन के चलते छह या दस दिन की तरावीह पढऩे के बजाए प्रतिदिन एक या सवा सिपारा पढ़ें या सुनें।
- रोजे में सहरी और इफ्तार अपने-अपने क्षेत्रों की जंतरी के हिसाब से करें।
- लॉकडाउन के चलते इफ्तार पार्टी और मस्जिदों में इफ्तार से बचें।
- लॉकडाउन में प्रशासन द्वारा तय समय में ही इफ्तार और सहरी के जरुरी सामान की खरीदारी करें।

इस बार क्या नहीं होगा
- फर्ज नमाजें भी घरों पर ही अदा होंगी
-तरावीह की नमाजें भी घर पर होंगी जो पहले मस्जिदों में होती थीं
-कहीं पर भी शबीने ( कुरआन-ए-पाक सुनना) नहीं होंगे।  
- सामूहिक रूप से रोजा इफ्तार के कार्यक्रम नहीं होंगे
- सहरी की सूचना देने के लिए टोलियां इस बार नहीं निकलेंगी
-चांद देखने की प्रक्रिया भी घर से होगी।


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Edited By

Ramkesh

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