अभी भी मौत का एक्सप्रैस बना हुआ है यमुना एक्सप्रैस-वे

punjabkesari.in Friday, Feb 12, 2016 - 08:09 PM (IST)

आगरा(गौरव): यमुना एक्सप्रैस-वे पर वर्ष 2015 में वर्ष 2014 के मुकाबले हादसों और मरने वालों की संख्या बढ़ गई है। सूचना अधिकार के तहत यह सूचना यमुना एक्सप्रैस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येडा) ने आगरा डिवैल्पमैंट फाऊंडेशन के सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता के.सी. जैन को उपलब्ध कराई है।

वर्ष 2015 में 2014 के मुकाबले 20 प्रतिशत अधिक दुर्घटनाएं हुईं। हादसों में होने वाली मृत्यु में भी 12 प्रतिशत वृद्धि हुई। वर्ष 2014 में 127 व्यक्तियों की मृत्यु हादसों में हुई थी, वहीं वर्ष 2015 में यह बढ़कर 143 हो गई। दुर्घटनाएं बढ़ीं और स्वाभाविक रूप से मृत्यु और चोटिल व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि हो गई।
 
आगरा डिवैल्पमैंट फ ाऊंडेशन (ए.डी.एफ .) की ओर से यमुना एक्सप्रैस-वे पर सफ र सुरक्षित हो, इसको लेकर एक जनहित याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल की गई थी। इसमें न्यायालय द्वारा 18 मई, 2015 के आदेश से मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति को इस संबंध में विचार करने के लिए कहा गया था। ए.डी.एफ . को भी समिति के समक्ष मामले को रखने के लिए कहा गया था। उच्च स्तरीय समिति के समक्ष ए.डी.एफ . की ओर से उसके सचिव के.सी. जैन 31 अगस्त, 2015 को उपस्थित भी हुए।
 
ए.डी.एफ . सचिव के.सी. जैन व संयुक्त सचिव राकेश गर्ग द्वारा यह कहा गया कि जब तक यमुना एक्सप्रैस-वे पर ओवर स्पीङ्क्षडग नहीं रुकेगी, तब तक ऐसे ही हादसे होते रहेंगे। पुलिस प्रशासन को इसमें और अधिक सक्रियता दिखानी चाहिए। उन्होंने सरकार से भी यह मांग की कि घिसे हुए टायरों को न चलने दिया जाए। इस संबंध में भी सरकार जल्द से जल्द नियम बनाए ताकि आगरा-लखनऊ एक्सप्रैस-वे पर भी इस प्रकार हादसे न हों।