ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस: मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज, जज ने कहा- हिंदू पक्ष का दावा सुनने योग्य

punjabkesari.in Monday, Sep 12, 2022 - 04:41 PM (IST)

वाराणसी: बहुचर्चित ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस पर वाराणसी जिला कोर्ट ने हिन्दू पक्ष में फैसला सुनाया है। हिन्दू पक्ष की अपील स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी केस सुनवाई योग्य है। मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी गई है। लीगल टीम श्रृंगार गौरी के दर्शन करेगी। 22 सितंबर को होगी अगली सुनवाई होगी। वाराणसी के जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में फैसला सुनाया गया है। सुनवाई से पहले पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई थी। पुलिस कमिश्नर ने धारा 144 लागू कर अलर्ट घोषित किया है।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में जिला अदालत में नियमित सुनवाई शुरू हुई थी। सिविल जज रवि दिवाकर के सर्वे के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। ज्ञानवापी मस्जिद अंजुमन इंतजामिया कमेटी की याचिका 7 रूल 11 को खारिज करते हुए जिला जज ने हिंदू पक्ष के दावे को सही ठहराया और कहा कि यह वाद सुनवाई योग्य है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितम्बर को होगी। जिला जज के फैसले के बाद अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी। 

अगली सुनवाई 22 सितंबर को
फैसले के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि जिला अदालत ने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका 7 रूल 11 को खारिज कर दिया. यह एक बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने यह माना है कि मामला सुनवाई योग्य है और इस मामले में 1991 का वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता। अब इस मामले में 22 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। विष्णु जैन ने कहा कि इस मामले से जुड़ी पूरी लीगल टीम आज ही काशी विश्वनाथ के दर्शन भी करने जाएगी। 

फैसले पर बीजेपी की आई प्रतिक्रिया 
फैसले के बाद बीजेपी की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अदालत का फैसला स्वागत योग्य है। अभी तो पूजा के अधिकार को लेकर यह लड़ाई थी। अभी यह लड़ाई लंबी चलेगी। उन्होंने साथ ही लोगों से शांति भी बनाए रखने की अपील की। राकेश त्रिपाठी ने कहा कि 1991 वर्शिप एक्ट का बीजेपी हमेशा से ही विरोध करती रही है। अब कोर्ट का फैसला आ गया है। सभी को शांति और सौहार्द बनाए रखने की जरूरत है। 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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