राज्यसभा चुनाव में हुई गैरसैद्धांतिक गठबंधन की पराजय: डॉ दिनेश शर्मा
punjabkesari.in Saturday, Mar 24, 2018 - 05:10 PM (IST)
मथुराः उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार की हार को गैरसैद्धांतिक गठबंधन की सबसे बड़ी पराजय बताया है। शर्मा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह सांसद के रूप में प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अब इसमें केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली भी शामिल हो गए हैं। यह प्रदेश का सौभाग्य है कि देश के तीन बड़े नेता उत्तर प्रदेश से हैं।
सपा पर साधा निशाना
राज्यसभा चुनाव में नौवें प्रत्याशी की विजय ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा एवं सहयोगी दल के विधायकों एवं मंत्रियों ने बसपा के सेंध लगाने एवं तोडफ़ोड़ करने के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी दल लगातार पराजय से अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। गोरखपुर तथा फूलपुर के चुनाव से पहले यही दल ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे थे। जहां पर परिणाम इनके प्रतिकूल होता है वहीं विपक्ष दल आशंका व्यक्त करने लगते हैं।
सपा का एक ही उदेश्य मोदी-भाजपा हटाओ
उन्होंने कहा कि बसपा, माकपा, भाकपा, कांग्रेस या अन्य विरोधी दलों का गठबंधन किसी नीति या सिद्धांत पर आधारित नहीं है उनका केवल एक ही उद्देश्य मोदी हटाओ और भाजपा हटाओ है। राज्यसभा चुनावों तथा पूर्वोत्तर के हाल के चुनाव परिणामों ने यह साबित कर दिया है कि विपक्षी दलों की मोदी और भाजपा हटाओ मंशा पूरी होने वाली नही है।
सपा की रणनीति के कारण ही बसपा पराजित
शर्मा का कहना था कि यह चुनाव बसपा और सपा के गठबंधन पर जबर्दस्त प्रहार है। इस चुनाव में सपा ने अपने को सुरक्षित कर लिया और 9 शेष रहे वोट बसपा को एलाट कर दिए। बसपा के दलित प्रत्याशी को हराने का एक प्रकार से काम सपा ने किया। भाजपा ने तो अति दलित, अति पिछडा और यहां तक यादव उम्मीदवार खड़ा किया। उनका कहना था कि हकीकत यह है कि सपा की रणनीति के कारण ही बसपा पराजित हो गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं के सहयोग से प्रदेश ने एक साल में जो प्रगति की है उसका रिपोर्ट कार्ड लेकर मंत्री उन जिलों में परीक्षार्थी के रूप में जाएंगे जहां के वे प्रभारी हैं। जनता परीक्षक के रूप में एक साल के कार्य का मूल्यांकन करेगी।
एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम होगा लागू
डॉ.शर्मा से नकलविहीन परीक्षा करने के बाद अगला कदम पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जितना ध्यान नकल रोकने में लगाया गया है उससे अधिक ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता को बढाने में लगाया जाएगा। परीक्षा की ढ़ाई माह की अवधि को कम करके उसे 15 दिन में पूरा कराने के संकल्प के साथ एवं शिक्षण कार्य 220 दिन करके इसे पूरा किया जाएगा। महापुरूषों के नाम पर होने वाले अवकाश को बंद कर उसे शिक्षण दिवस में मनाकर जहां महापुरूषों के आदेर्शों से प्रेरणा लेने का वातावरण बनेगा वहीं शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को समय मिलेगा। माध्यमिक शिक्षा में किए गए परिवर्तन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करके अगला सत्र एक अप्रैल से ही शुरू किया जा रहा है। विद्यालय में वाई फाई एवं इन्टरनेट की सुविधा देने के साथ ही स्मार्ट क्लासेज एवं वर्चुअल क्लासेज शुरू की जा रही हैं।