देश-दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक माघ मेले की तैयारी में हो रही देरी, जानिए वजह

punjabkesari.in Monday, Dec 30, 2019 - 03:29 PM (IST)

प्रयागराज: देश-दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक माघ मेला 2020 को लेकर के हो रही तैयारियों की रफ्तार धीमी हो गई है। मेला क्षेत्र में लगातार कटान जारी है साथ ही दलदल ज़मीन भी रफ्तार को धीमा करने का मुख्य कारण है। जगह-जगह ज़मीन दलदल में तब्दील हो चुकी है इसके साथ ही गंगा के बढ़ते जलस्तर से कटान भी जारी है।  5 पांटून (पीपा) पुल में 2 तैयार हो चुके हैं जबकि 3 पुल में काम अभी भी चल रहा है।हालांकि जिलाधिकारी ने इससे पहले सभी विभागों को निर्देश दिया था कि सभी कार्य दिसंबर की आखिरी तारीख तक हो जाने चाहिए। लेकिन अभी तक केवल 60 फीसदी ही कार्य पूरे हो पाए है।

जानकारी अनुसार आशंका है कि 2018 माघ मेले के मुताबिक इस बार श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा बताई जा रही है। इस बार मेला प्रशासन ने  मेला  क्षेत्र को 6 सेक्टरों में बांटा है। इन 6 सेक्टर्स में  अट्ठारह स्नान घाट बनाए जा रहे हैं जहां श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसके साथ 5 पांटून पुल बनाए जा रहे हैं। सुरक्षा को लेकर जगह-जगह सीसीटीवी से मेला क्षेत्र की हर गतिविधियों पर नज़र रखी जाएगी। मेला क्षेत्र में 18000 एलईडी की लाइटें लगाई जा रही है जिससे एक बार फिर मेला क्षेत्र रात में जगमगा उठेगा।

प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
मेला की सारी प्रमुख सुविधाएं महाशिवरात्रि के सनान तक रहेगी, जबकि मौलिक सुविधाएं जैसे शौचालय, चेंजिंग रूम, चकर्ड प्लेट, मार्ग प्रकाश और पानी की सुविधा बाढ़ के पहले तक बहाल रहेगी। साथ ही इस बार 13 थाने बनाए जाएंगे। पिछले माघ मेले की बात की जाए तो अब तक 12 ही थाने बनाए जाते थे इसके साथ ही 43 पुलिस चौकियां भी बनाई जा रही है। इस बार माघ मेले की शुरुआत पौष पूर्णिमा के स्नान से हो रही है और पहले ही स्नान से कल्पवासी यहां कल्पवास करने के लिए आ जाएंगे। ऐसे में तय समय पर तैयारी पूरी करना भी प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।

जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि माघ मेले के पहले स्नान तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। इस बार गंगा का जलस्तर काफी अच्छा है जिससे श्रद्धालुओं को स्नान करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। हम प्रयास कर रहे हैं कि स्वच्छ जल लगातार उपलब्ध रहे, जिससे गंगा में भारी मात्रा में जल को छोड़ा जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि गंगा में अधिक जल स्तर रहना अच्छा संकेत है। गोस्वामी ने बताया कि हमारा जो शेड्यूल बना हुआ था उसके हिसाब से तैयारियां यथा समय चल रही हैं। जो कैम्प लगाने का काम है वो मेले के दौरान चलता रहता है यह प्रारम्भ तक चलता रहेगा।

स्थानीय लोगों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही कटान ने तैयारियों पर ब्रेक लगाया है। जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि कटान की बजह से जमीन दलदल भी बनी हुई है। फिलहाल जिस तरह से काम चल रहा है 10 तारीख तक काम पूरा हो जाना चहिए। 

 

 

 

Ajay kumar