दिल्ली ब्लास्ट का बड़ा खुलासा: यूपी के डॉक्टरों का नेटवर्क पकड़ा, कई गिरफ्तार—भयावह साजिश फेल!

punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 08:00 AM (IST)

Delhi Blast: देश की राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर की शाम हुए भयानक धमाके ने पूरे देश में सनसनी फैला दी। यह विस्फोट लाल किले के पास मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 पर हुई कार में हुआ, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। इस धमाके में 13 लोग मारे गए और 25 से ज्यादा लोग घायल हुए। जांच एजेंसियों ने लगातार छापेमारी कर कई संदिग्धों को पकड़ लिया है, जिनमें अधिकांश उत्तर प्रदेश से जुड़े हैं।

सहारनपुर से डॉक्टर आदिल की गिरफ्तारी
दिल्ली ब्लास्ट केस में पहली बड़ी कार्रवाई उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से हुई। यहां से डॉ आदिल अहमद को गिरफ्तार किया गया। डॉ. आदिल ने पहले कश्मीर में विवादित पोस्टर लगाए थे, जिसके कारण कश्मीर पुलिस उसकी निगरानी कर रही थी। यूपी पुलिस की मदद से हुई इस कार्रवाई में पता चला कि वह सहारनपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में ऊंचे पद पर काम कर रहा था।

गुजरात में एटीएस ने पकड़े 2 यूपी के आतंकी
दूसरी बड़ी गिरफ्तारी गुजरात के बनासकांठा जिले में हुई। यहां एटीएस ने तीन आतंकियों को पकड़ा, जिनमें से दो उत्तर प्रदेश के निवासी थे आजाद सुलेमान शेख, मोहम्मद सुहैल। जांच में सामने आया कि ये दोनों लखनऊ के रहने वाले हैं और डॉ अहमद मोहियुद्दीन सैयद के लिए काम करते थे। इन पर आरएसएस दफ्तर की रेकी करने का आरोप है।

लखनऊ की डॉ. शाहीन से मिली अहम कड़ी
तीसरी गिरफ्तारी लखनऊ की डॉ. शाहीन की हुई, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी बताई जा रही है। इसी की कार से विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। डॉ. शाहीन कुछ समय से फरीदाबाद में रह रही थी। पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए, जिससे जांच पूरी तरह यूपी की ओर मुड़ गई।

डॉ. शाहीन का भाई डॉ. परवेज भी रडार पर
डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ में छापेमारी हुई। इसी दौरान उसके भाई डॉ परवेज़ का नाम सामने आया। वह लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था। उसने 7 नवंबर को अचानक इस्तीफा दे दिया था। उसके घर से लैपटॉप और कई मोबाइल बरामद किए गए।

कानपुर और हापुड़ से भी गिरफ्तारी
कानपुर से डॉ मोहम्मद आरिफ मीर को पकड़ा गया। वह एमडी कार्डियोलॉजी का छात्र था और ब्लास्ट के मुख्य आरोपी उमर का क्लासमेट रह चुका था। हापुड़ से डॉ फारूक को हिरासत में लिया गया, जो जीएस मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर था। माना जा रहा है कि उसका भी इस साजिश में कोई न कोई रोल था।

जांच जारी, कई नाम अभी रडार पर
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां लगातार यूपी कनेक्शन की जांच कर रही हैं। अब तक हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि इस धमाके में एक संगठित डॉक्टर नेटवर्क काम कर रहा था। एजेंसियां अब उन लोगों की तलाश में हैं जो अभी भी फरार हैं। हर सुराग धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश से जुड़ रहा है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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