दिल्ली हिंसाः गाजियाबाद पुलिस ने दिखाई सूझ-बूझ, SP ने कहा- देश के हर नागरिक की रक्षा करना मेरा कर्तव्य

punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2020 - 06:22 PM (IST)

गाजियाबादः पुलिस को लेकर वर्तमान समय में कुछ ऐसा माहौल बन गया है कि लोग पुलिस का नाम लेते ही उनके बारे में बुरा से बुरा सोचने लग जाते हैं। ऐसे में दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर हिंसा और उपद्रव न फैले, इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे गाजियाबाद के एसपी नीरज कुमार जादौन ने एक मिसाल पेश की है। जिसकी तारीफ चारो ओर से हो रही है।

दरअसल UP के गाजियाबाद  से सटे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के करावल नगर में मंगलवार की दोपहर नारेबाजी करते हुए 10 लोगों की भीड़ घर-घर जाकर दरवाजा पीट रही थी। इससे महज 100 मीटर दूर दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर तैनात पुलिसवालों ने देखा कि हिंसा भड़क उठी है और उग्र भीड़ से बचने के लिए एक परिवार घर में छिपा हुआ है। तभी उग्र भीड़ ने गली में खड़ी बाइक, स्कूटी, कार और एक ई-रिक्शा को आग लगा दी। तभी नीरज कुमार जादौन ने बिना पल गंवाए घर के अंदर घिरे लोगों को बचाने का फैसला लिया। वो सीमा पार कर हिंसा पर उतारू भीड़ की तरफ बढ़े। उनके साथ टीम में लोनी के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट खालिद अंजुम, सर्किल अफसर राजकुमार पांडेय और 30 के लगभग पुलिसकर्मी थे। ये सभी एंटी रायट गियर से लैस थे। पुलिस टीम ने हिंसक भीड़ को ललकारा तो वो पीछे हट गए।

पुलिसकर्मी होने के नाते देश के हर नागरिक की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है
नीरज कुमार जादौन ने बताया कि हमारी आंखों के सामने उपद्रवी हिंसा कर रहे थे, घरों को आग लगा रहे थे। ऐसे में भला हम चुप कैसे बैठे रह सकते थे। उन्होंने कहा, जब किसी ने घर का दरवाजा नहीं खोला, तो उपद्रवी पेट्रोल की बोतल को आग लगाकर अंदर फेंकने की तैयारी कर रहे थे। यह देखकर हमारी टीम ने तत्काल सीमा पार करने का निर्णय लिया। तब मैंने नहीं सोचा कि वो मकान दिल्ली में है या गाजियाबाद में है। मुझे बॉर्डर क्रॉस करने का अधिकार है या नहीं। जादौन ने कहा कि एक पुलिसकर्मी होने के नाते, देश के हर नागरिक की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है।

आगे उन्होंने बताया कि भीड़ जब वापस लौट गई तो गाजियाबाद पुलिस की टीम वापस अपने पोस्ट पर लौट आई। इसके बाद उन्होंने प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी। जादौन ने कहा, हमने दिल्ली पुलिस को इसकी जानकारी दी लेकिन उन्होंने इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। यह आश्चर्यचकित करने वाला था।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने गाजियाबाद पुलिस-प्रशासन के किए कामों की सराहना
अंजुम ने बताया कि बॉर्डर क्रॉस कर गई गाजियाबाद पुलिस की टीम पर भीड़ ने पत्थरबाजी की। लेकिन हमने एकजुट रहकर घरों को बचाये रखा तो यह देख कर उपद्रवी वापस लौट गए। उन्होंने कहा कि बीते दो दिन के दौरान दिल्ली पुलिस का कोई भी जवान लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर नहीं है। जब हमने दिल्ली पुलिस को कॉल किया तो जवाब मिला कि हम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात हैं। अंजुम ने कहा कि मंगलवार रात को दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी करावल नगर-लाल बाग बॉर्डर पहुंचे और उन्होंने गाजियाबाद पुलिस-प्रशासन के किए कामों की सराहना की।

बॉर्डर से सटे गाजियाबाद के इलाकों में भीड़ ने कई बार घुसने का प्रयास किया
लेकिन इसके बाद भी यहां हिंसा का खतरा लगातार मंडरा रहा है. दिल्ली की तरफ से उन्मादी भीड़ ने लाल बाग इलाके में कई बार घुसकर उपद्रव फैलाने का प्रयास किया. सबसे पहली बार मंगलवार की रात 10 बजे तकरीबन 40 उपद्रवियों ने यहां जबरन घुसने का प्रयास किया. लेकिन उन्हें वापस खदेड़ दिया गया. आधी रात और तड़के लगभग तीन बजे, हिंसक भीड़ ने फिर बॉर्डर क्रॉस करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से दोनों ही बार वो नाकाम रहे. स्थिति को देखते हुए तब से यहां पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।

वहीं गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कलानिधि नैथानी ने बताया कि दिल्ली और गाजियाबाद के बीच 10 महत्वपूर्ण बॉर्डर प्वाइंट हैं। इनमें तुलसी निकेतन, शालीमार गार्डन, लोनी और लाल बाग संवेदनशील इलाके हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की घटना को देखते हुए गाजियाबाद में पुलिस का पहरा काफी बढ़ा दिया गया है जिससे यहां कोई हिंसा नहीं हुई।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tamanna Bhardwaj

Recommended News

Related News

static