धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में हिंदू महासभा, लखनऊ में किया प्रदर्शन

punjabkesari.in Tuesday, Jan 24, 2023 - 02:39 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों को कथित तौर पर भेदभाव करने वाला बताया हैं, मामले को लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा और स्वर्ण महासभा के लोगों ने कड़ी नाराजगी जताई है। इसे लेकर कार्यकर्ताओं ने राजधानी लखनऊ के जीपीओ पार्क में समर्थकों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान अयोध्या समेत कई जगह से संत समाज लखनऊ पहुंचा। वहीं इसके पहले ही अखिल भारत हिंदू महासभा के स्थानीय नेता ने सोमवार को उनकी जीभ ‘काटने' वाले को 51 हजार रुपये बतौर इनाम देने की घोषणा की।



स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ, सड़कों पर उतरा हिंदू महासभा
महासभा के आगरा जिला प्रभारी सौरभ शर्मा ने कहा, ‘‘कोई भी साहसी व्यक्ति अगर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काट देता है तो उसे 51 हजार रुपये का चेक बतौर इनामी राशि दी जाएगी। उन्होंने हमारे धार्मिक ग्रंथ का अपमान किया है और हिंदुओं की भावना आहत की है।'' इस बीच, अखिल भारत हिंदू महासभा के सदस्यों ने मौर्य के बयान के विरोध में सांकेतिक अर्थी निकाली और उनके पुतले को यमुना में फेंक दिया।



मौर्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295 ए (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज किया जाए। पांडेय ने पत्र में कहा, ''उनके (स्वामी प्रसाद मौर्य) खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए; अगर अब नहीं रोका गया तो सस्ते प्रचार के लिए ऐसे नेता हिंदुत्व के खिलाफ बयानबाजी करते रहेंगे, जिसके चलते राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।" अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के आरोप में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर राजधानी के हजरतगंज थाने में अर्जी दी है।

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा, "किसी को भी किसी व्यक्ति की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं, और सभी को सम्मान दिया जाना चाहिए।" गौरतलब है कि सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था, ''रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है।''महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट ने कहा, ‘‘मौर्य बसपा में रहकर जय भीम बोलते थे। भाजपा में आने पर उन्होंने रामचरित मानस को सीने से लगाया और जय श्रीराम का उद्घोष किया। अब सपा में जाने के बाद इनकी विचारधारा बदल गयी है। हालांकि सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को निजी बयान बताया है। 

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Ramkesh