IVRI ने 15 दिन बाद जारी की दूसरी रिपोर्ट, कहा- मानव स्वास्थ्य के लिए असरदार है देसी गाय के मूत्र का अर्क जीवाणु

punjabkesari.in Thursday, Apr 27, 2023 - 05:21 PM (IST)

बरेलीः करीब 15 दिन पहले गोमूत्र को मानव स्वास्थ्य के लिए घातक बताकर देश भर में खलबली मचा देने वाले भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ने अब दावा किया है कि देसी गाय का मूत्र अर्क जीवाणुरोधी और कवकरोधी गुणों की वजह से चिकित्सा कार्यों के लिए काफी असरदार है।



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देसी गाय के मूत्र का अर्क जीवाणुरोधी और कवकरोधी गुणों के कारण ज्यादा असरदारः रिपोर्ट  
आईवीआरआई की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. रविकांत अग्रवाल के साथ डॉ. एसके मेंदीरत्ता, डॉ. सुमन तालुकदार, डॉ. अभिषेक, डॉ. एमके सिंह, डॉ. एसई जाधव, डॉ. जीके शर्मा, डॉ. आरएस राठौर और एबी पांडेय के अध्ययन पर आधारित बताई गई है। डॉ. रविकांत अग्रवाल ने बताया कि उनकी टीम वर्ष 2018 से यह अध्ययन कर रही थी। इस अध्ययन का निष्कर्ष है कि संकर गाय की तुलना में देसी गाय के मूत्र का अर्क जीवाणुरोधी और कवकरोधी गुणों के कारण ज्यादा असरदार है। यह अध्ययन आईवीआरआई फार्म की देसी और संकर नस्ल के अलावा साहीवाल और थारपारकर गायों के मूत्र से तैयार अर्क पर हुआ है। संकर गायों की तुलना में साहिवाल और थारपारकर गायों के मूत्र का अर्क उच्च जीवाणुरोधी पाया गया। यह गोमूत्र अर्क ग्राम निगेटिव ईकोलाई, साल्मोनेला स्पीशीज, स्यूडोमोनास, एक गिनोसा के खिलाफ जीवाणुनाशक और ग्राम पॉजिटिव जीवाणु लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेनेस बेसिलस सेरेस, स्टेफिलोकोकस ऑरियस के खिलाफ जीवाणुरोधी पाया गया है। पिछली रिपोर्ट में गोमूत्र के साथ बाजार में मिलने वाले अर्क को भी मानव स्वास्थ्य के लिए काफी घातक बताया गया था।


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हर तीन महीने पर लिया सैंपल
डॉ. अग्रवाल के मुताबिक शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने तीन अलग-अलग अध्ययन किए। पहला अध्ययन अर्क की एंटीबैक्टीरियल एक्टिविटी, दूसरा एंटीफंगल एक्टिविटी और तीसरा अध्ययन अर्क की वाष्पीकृत अवस्था पर था। इसमें मौसमी परिस्थितिकी का भी विशेष ध्यान रखा गया और साहिलवाल व थरपारकर गायों के मूत्र का तीन-तीन महीने। के भीतर सैंपल लेकर अर्क तैयार किया गया।

Content Writer

Ajay kumar