युवाओं का कौशल विकास करके उत्तर प्रदेश में बिछा देंगे रोजगार का जाल: रूडी

punjabkesari.in Saturday, Jul 22, 2017 - 05:27 PM (IST)

लखनऊ: केंद्रीय कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूडी ने निजी क्षेत्र के आईटीआई की गुणवत्ता और मानक में गिरावट की बात स्वीकारते हुए आज कहा कि अगले 5 साल के दौरान उत्तर-प्रदेश में युवाओं का कौशल विकास करके रोजगार का जाल बिछा दिया जाएगा।

रूडी ने यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ साझा प्रेस वार्ता में कहा, ‘निजी क्षेत्र के आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) में गुणवत्ता का ह्रास हुआ है। भारत सरकार बड़ी योजना के साथ काम कर रही है। सरकारी आईटीआई के साथ साथ निजी आईटीआई मानक और गुणवत्ता पर खरे उतरें, इसके लिए हर तरह का वित्तीय एवं प्रशासनिक सहयोग प्रदान किया जाएगा।

रूडी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2300 निजी क्षेत्र के आईटीआई हैं। इनकी गुणवत्ता पर जोर दिया जाएगा। प्रदेश में अगले तीन से पांच वर्षों में सभी जिलों में आईटीआई खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि एनसीवीटी (नेशनल सर्टिफिकेट ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग) की मान्यता शिक्षा केन्द्रों को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब जो भी संस्थान मानक के अनुसार गुणवत्ता युक्त होंगे, वही चल पाएंगे। रूडी ने कहा कि निजी आईटीआई की गुणवत्ता खराब है, इसलिए ये अब नहीं खुल पाएंगे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि कौशल विकास में एक साल में 10 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करके रोजगार दिया जाएगा जबकि 5 साल में 70 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करके रोजगार देने एवं स्वावलंबी बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 286 राजकीय आईटीआई संचालित हैं। सभी आईटीआई में मानक पूरा नहीं होने से प्रशिक्षण नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण किया जायेगा।’ देश में दो कार्य बहुत तेजी से चलते हैं ... एक परीक्षा और दूसरा चुनाव। हम लोग अब आनलाइन व्यवस्था के तहत 24 घण्टे के अंदर परीक्षा परिणाम की तैयारी कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि वाराणसी की साड़ी, लखनऊ का चिकन, भदोही की कालीन, मुरादाबाद का पीतल, आगरे का पेठा, फिरोजाबाद का कांच उद्योग, कन्नौज का इत्र, गोरखपुर का टेराकोटा जैसे परंपरागत उद्योगों को कौशल विकास के तहत सुदृढ़ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। प्रशिक्षित चालकों के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल स्थापित किया जायेगा। प्रथम चरण में कुशल ड्राइवर के लिए मंडल स्तर पर व्यवस्था की जाएगी। सभी 18 मंडलों में ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे। इसके लिए राज्य सरकार पांच पांच एकड़ भूमि उपलब्ध कराएगी। अगले चरण में सभी जिलों में इस तरह के स्कूल खोले जाएंगे।

रूडी ने उत्तर प्रदेश को केन्द्र की आेर से कौशल विकास में पूरी मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि आेला और उबर जैसी कैब सेवाओं के लिए कुशल वाहन चालक तैयार करने तथा भारी वाहनों, डंपर एवं जेसीबी के लिए चालक प्रशिक्षित करने के ट्रेनिंग सेंटर खोलेंगे। रूडी ने कहा कि भारत सरकार कौशल विकास मिशन के तहत प्रदेश को बढ़ाने में कोई कोर-कसर नही छोड़ेगी।