DGP ने दिए मॉब लिंचिंग की रोकथाम के निर्देश, अनुपालन ना करने वाले के खिलाफ होगी कार्रवाई

punjabkesari.in Saturday, Jul 28, 2018 - 01:22 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) ओ पी सिंह ने भीड़ द्वारा हिंसा एवं हत्या किए जाने की घटनाओं (मॉब लिंचिंग) की रोकथाम के कड़े निर्देश दिए हैं। अपने निर्देशों में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि भीड़ द्वारा हिंसा और हत्या की घटनाएं करना जघन्य अपराध हैं। मिथ्या अवधारणाओं के आधार पर व्यक्तियों के किसी समूह अथवा भीड़ द्वारा कानून का स्वयं पालन कराए जाने के नाम पर किसी व्यक्ति के खिलाफ हिंसा या उसकी हत्या करना कानूनी रुप से पूर्णतया अक्षोभ्य एवं दंडनीय अपराध है। इस प्रकार की ऐसी किसी भी घटना को उकसाने वाली दुष्प्रवृत्ति को रोकना पुलिस का प्रमुख कर्तव्य है।  

उन्होंने बताया कि डीजीपी ने गत 17 जुलाई को उच्चतम न्यायालय के तहसीन एस.पूनावाला बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया एवं अन्य के मामले का हवाला देते हुए कहा कि भीड़ द्वारा की गई हिंसा एवं हत्या की रोकथाम एवं ऐसी घटनाओं की विवेचनाओं के संबन्ध में दिशा-निर्देश जारी करते हुए उनके प्रभावी अनुपालन कराए जाने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके बाद गृह मंत्रालय द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं।  

पुलिस महानिदेशक ने दिए निर्देशों में कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को भीड़ द्वारा की गई हिंसा/हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाए। नोडल अधिकारी की सहायता के लिए प्रत्येक जिले में पुलिस उपाधीक्षक स्तर के एक अधिकारी होंगे, जो भीड़ द्वारा कारित हिंसा/हत्या किए जाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई कराना सुनिश्चित करेंगे। नोडल अधिकारी द्वारा एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जो ऐसे व्यक्तियों के विषय में सूचनाएं एकत्र करेगा, जिनके बारे में ऐसी संभाव्यता हो कि वे इस प्रकार की घटनायें कारित करने वाले हैं अथवा ऐसी घटनाओं को कारित किये जाने के लिए उकसाने वाले भाषण, अफवाहों तथा भ्रामक सूचनाओं के प्रचार-प्रसार में संलिप्त हैं। 

उन्होंने कहा कि ऐसे गांवों, कस्बों, मजरों और मोहल्लों को चिन्हित कराया जाए, जहां विगत 5 सालों में भीड़ के द्वारा हिंसा एवं हत्या किए जाने की घटनाऐं हुई हों, का थानावार एक समान प्रारूप में अभिलेखीकरण किया जाए तथा संबन्धित थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक को सजग रहने के लिए निर्देशित किया जाए। प्रवक्ता ने बताया कि सोशल मीडिया द्वारा इस प्रकार की आपत्तिजनक सूचनायें प्रसारित करने तथा ऐसी प्रवृत्तियों को उत्तेजित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि अफवाह एवं भ्रामक सूचना की रोकथाम के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि दिए गये दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।  

Ruby