BJP-MLA का विवादित बयान- भारत रत्न देने की मांग पर सोनिया गांधी के चरित्र पर उठाया सवाल

punjabkesari.in Wednesday, Jan 06, 2021 - 07:00 PM (IST)

लखनऊ: अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले उत्तर प्रदेश के बलिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह एक बार फिर चर्चा में है। बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बसपा प्रमुख मायावती को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी। जिस पर सुरेंद्र सिंह ने हरीश रावत पर तंज कसते हुए कहा कि वह भारत की नारी के गरिमा शब्द को जानते ही कहां हैं? जो सिर्फ अपने शारीरिक सुख और सत्ता के लिए देश छोड़कर भारत में बसी, उस महिला को भारत रत्न देने की मांग करना ही ‘भारत रत्न’ का अपमान होगा।

पूरे देश की रजनीति में सोनिया-मायावती जैसा स्तरहीन नेता कोई नहीं
भाजपा विधायक ने रावत को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेसी कल्चर में चारण संस्कृति इतनी जबरदस्त होती है कि अगर कोई बोलेगा नहीं तो उसको छोटा भी पद मिलने वाला नहीं है। उन्होंने कांग्रेस को टूटी-फूटी नाव बताते हुए कहा कि उस पर सवारी करने वाला भी मूर्ख ही कहा जाता है। सिंह ने कहा कि मायावती और सोनिया को भारत रत्न देना मतलब देश का ऐसा कोई भी इंसान न बचे जिसे भारत रत्न न मिले। इतना ही नहीं विधायक ने यहां तक कहा कि मै पूरे देश की रजनीति में इनसे स्तरहीन नेता किसी को समझता ही नहीं हूं।

माया-आ-वती के जीवन का उद्देश्य ही धन इकट्टा करना
भाजपा विधायक ने बसपा प्रमुख मायावती को संबोधित करते हुए कहा कि मैं तो उन्हें माया-आ-वती कहता हूं। जिनके जीवन का उद्देश्य ही धन इकट्ठा करना है। ऐसे लोगों को भारत रत्न देने का स्टेटमेंट देना, भारत रत्न की उपाधि को अपमानित करना है। ऐसे लोगों को भारत रत्न देना मतलब भारत रत्न को भी कलंकित करना है। उन्होंने कहा कि आज दलितों का सबसे ज्यादा उसी कम्युनिटी के संपन्न लोग उत्पीड़न कर रहे हैं। मायावती जैसे लोगों को अपने को आरक्षण से अलग करना चाहिए, तभी गरीब वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा।

अपनों का भला चाहते हैं ये लोग तो अपनाएं मोदी जी का फार्मूला
सुरेंद्र सिंह ने कहा कि, अगर वाकई में यह लोग अपने लोगों का भला चाहते हैं तो जो लोग सरकारी सुविधा का लाभ एक बार ले चुके हैं, उनको अपने आप को उस लाभ से अलग कर लेना चाहिए। जैसे प्रधानमंत्री मोदी ने अभी गरीब सवर्णों को आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण देने की बात की घोषणा की है। वह प्रशंसनीय औऱ अभिनंदनीय है और यही फार्मूला अन्य लोगों पर भी लागू होना चाहिए। उन लोगों को आरक्षण मिले क्योंकि वह पिछड़े, दलित और पीड़ित हैं। लेकिन जो आधार सामान्य लोगों को आर्थिक 10% आरक्षण के हिसाब से दिया गया है, उसी आधार पर उन लोगों को मिलना चाहिए तो मैं समझता हूं कि कल का भारत सामर्थ्यवान और सुंदर भारत होगा।

Umakant yadav