पीड़ित परिजनों पर DM ,SSP ने बनाया दबाव, कहा- सालों साल लगाने पड़ेंगे कोर्ट के चक्कर .. कुछ नहीं होगा हासिल

punjabkesari.in Thursday, Sep 30, 2021 - 11:47 AM (IST)

गोरखपुर: कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत मामले  में मृतक परिजनों  से डीएम और एसएसपी दबाव बना कर लीपापोती और मामले को मैनेज करने में जुटे है। आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए  पीड़ित को समझा बुझा कर केस के चक्कर में न पड़ने की सलाह दे रहे है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में व्यापारी की पीट पीटकर हत्या की पुष्टि हुई है। उसे शरीप चोट के निशान भी पाए गये है। इस मामले में विपक्ष के नेताओं ने भी सरकार को जमकर घेरा है।

वहीं मृतक के परिजनों से आज CM योगी करेंगे मुलाकात 
वहीं मृतक कारोबारी का परिवार से आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुलाकात करेंगे। उधर, पीड़ित परिवार का कहना है कि यह हत्या है, जिसे 6 पुलिसकर्मियों ने मिलकर अंजाम दिया। पीड़िता परिवार का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मृतक की पत्नी का आरोप है कि डीएम और एसएसपी पर भरोसा नहीं है। उनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए।

गौरतलब है कि सोमवार रात रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में एक होटल में कानपुर निवासी 36 वर्षीय रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता अपने 2 दोस्तों प्रदीप और हरी चौहान के साथ ठहरे थे। देर रात पुलिस होटल में निरीक्षण के लिए पहुंची थी। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि तीन लोग गोरखपुर के सिकरीगंज स्थित महादेवा बाजार के निवासी चंदन सैनी के पहचान पत्र के आधार पर एक कमरे में ठहरे हुए हैं। संदेह होने पर पूछताछ के दौरान कथित रूप से पुलिस द्वारा पिटाई के बाद घायल मनीष की संदिग्ध हालात में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी।

मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से उनके पति की मृत्यु हुई है। हालांकि, पुलिस ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि मनीष नशे की हालत में था और पूछताछ के दौरान जमीन पर गिरने से उसके सिर में चोट आ गई थी, जिससे उसकी मृत्यु हुई। मनीष के साथ कमरे में ठहरे उसके दोस्तों ने बताया कि वे लोग गोरखपुर के रहने वाले कारोबारी चंदन सैनी के बुलावे पर आए थे। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने रामगढ़ताल के थाना प्रभारी जेएन सिंह और फलमंडी थाना प्रभारी अक्षय मिश्रा समेत छह पुलिसकर्मियों को मंगलवार को ही निलंबित कर पुलिस अधीक्षक (नगर) को मामले की जांच सौंपी है। इस मामले में आरोपी छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। फिलहाल पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से  गोरखपुर पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे है। पुलिस मामले को दबाने के लिए पहले मौत को संदिग्ध बता रही थी। 

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Ramkesh