फिल्म 'आदिपुरुष' पर बोले केशव प्रसाद मौर्य- 'धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली फिल्मों का समर्थन नहीं'

punjabkesari.in Thursday, Oct 06, 2022 - 01:07 PM (IST)

लखनऊ: फिल्म 'आदिपुरुष' का ट्रेलर रिलीज होते ही विवादों में आ गई है। जिसे लेकर  हिन्दू की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लग रहा है। इसे लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि फिल्म  रिलीज होने से पहले विवादित दृश्यों को ठीक कर लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक 'आदिपुरुष' का टीजर नहीं देखा है, लेकिन किसी भी मामले में धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली फिल्मों का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए, यह गलत है। इसे ठीक करने और ठीक से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। वहीं गाजियाबाद के महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने कहा है कि फिल्म पर इस्लामीकरण का प्रभाव बने, इसलिए ऐसी फिल्में बनाई जा रही हैं, हमें इसका विरोध करना चाहिए।

माता सीता के हरण को सही सिद्ध करना गलत
यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि मैंने फिल्म के टीचर में सैफअली खान का रोल देखा है। इसमें रावण द्वारा माता सीता के हरण को सही सिद्ध करने जैसा दिखाया जा रहा है। यति ने कहा कि फिल्म में सैफअली खान का गेटअप सनातन विरोधी दिखाया गया है। हम रावण को अपना पूर्वज मानते हैं। वो दुष्ट थे, राक्षस थे, सीता माता का अपहरण किया था लेकिन उसकी तुलना मुसलमानों से नहीं की जा सकती। ये सीन गलत तरीके से फिल्माया गया है।

हिंदू पौराणिक कथाओं को गलत तरीके से पेश किया जा रहा- महंत सत्येंद्र दास
राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने कहा था कि किसी को भी हिंदू पौराणिक कथाओं को गलत तरीके से पेश करने और हिंदू देवी-देवताओं की छवि को विकृत करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इससे पहले मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इस फिल्म को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर चुके हैं।

हिंदू संगठन ने जलाया आदिपुरुष फिल्म के पोस्टर
वहीं संभल में नारी उत्थान समिति एवं हिंदू जागृति महिला मंच के नेतृत्व में आदिपुरुष फिल्म के पात्र बने पोस्टर जलाकर विरोध किया। समिति की सीमा आर्य व हिंदू जागृति महिला मंच की सरिता गुप्त के नेतृत्व में टीकाराम आनंत कुमार अग्रवाल, अजय कुमार शर्मा, अरुण कुमार अग्रवाल, विष्णु कुमार, भूरे लाल, सिपाही लाल ने आदिपुरुष फिल्म के पोस्टर हाथों में लेकर लहराया और उन्हें आग के हवाले कर दिया। सीमा आर्य ने कहा कि रामायण के पात्र जिस प्रकार अबतक हम देखते, समझते. जानते चले आए हैं उससे इतर यदि उनके चेहरे मोहरे से उनके व्यवहार से कोई भी छेड़छाड़ होगी तो उसे समाज बर्दास्त नहीं करेगा। वहीं सरिता गुप्ता ने कहा कि आदिपुरुष फिल्म सरकार को रिलीज नहीं होने देना चाहिए। यह समाज का कर्तव्य है और शासन का अधिकार है।

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Ramkesh