सुप्रीम कोर्ट के फैसले का डॉक्टरों ने किया स्वागत, गर्भपात में महिलाओं की चलेगी मर्जी

punjabkesari.in Sunday, Oct 02, 2022 - 03:34 PM (IST)

महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिला अस्तला के डॉक्टरों और  विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। दरसअल कोर्ट में समानता के अधिकार अधिनियम के तहत अविवाहित और विवाहित महिलाओं को उनकी मर्जी से गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है। वहीं उससे पूर्व आदेश यह था कि अविवाहित महिलाएं गर्भपात नहीं करा सकती हैं तो वहीं रेप पीड़ितों या किसी गंभीर रोग से ग्रसित महिलाओं को इसमें रियायत थी तो वही शादी शुदा महिलाओं के लिए ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं था कि वह गर्भपात नहीं करा सकती है।



डॉक्टरों का मानना है कि कोर्ट के इस फैसले से अब अविवाहित महिलाएं अपने आप बिन शर्म किए हुए अच्छे डॉक्टर के यहां गर्भपात करा सकती है।  डॉक्टरों ने बताया कि समाज में कुछ ऐसी धारणाएं थी जिसकी वजह से अविवाहित महिलाएं गर्भपात करने के लिए सही अस्पतालों में नहीं जाती थी जिस वजह से लोगों की मौत भी हो जाती थी। अब अपने परिजनों के साथ अच्छे डॉक्टर के यहां गर्भपात करा सकती है।



अधिवक्ता विनय पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि जब महिलाएं एक ही हैं तो भेद भाव कैसा सभी के लिए समान कानून होना चाहिए जिसके बाद न्यायालय ने यह आदेश जारी किया है। कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) संशोधन अधिनियम, 2021 के प्रावधानों की व्याख्या करते हुए फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ किया कि इस कानून की व्याख्या केवल विवाहित महिलाओं तक सीमित नहीं रह सकती। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर बिना मर्जी के कोई विवाहित महिला गर्भवती होती है, तो इसे मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत रेप माना जाना चाहिए और इस लिहाज से उसे गर्भपात कराने का अधिकार होगा।

Content Writer

Ramkesh