गिरिजापुरी बैराज पर मादा डॉल्फिन पाई गई मृत, पोस्टमार्टम में हुआ मौत का खुलासा

punjabkesari.in Thursday, Nov 03, 2022 - 03:00 PM (IST)

बहराइच: उत्तर प्रदेश के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से सटे गिरिजापुरी बैराज पर एक मादा डॉल्फिन मृत पाई गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, डॉल्फिन की मौत दम घुटने से हुई है। वन विभाग के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि मंगलवार रात बैराज के गेट संख्या-एक पर एक डॉल्फिन के फंसे होने की सूचना मिली थी। वन क्षेत्राधिकारी विजय कुमार मिश्र अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे तो उन्हें डॉल्फिन मृत मिली।

सूत्रों के मुताबिक, डॉल्फिन के शव को कब्जे में लेकर उसे रेंज कार्यालय के फ्रीजर में सुरक्षित रख दिया गया था। उन्होंने बताया कि बुधवार को टर्टल सर्वाइवल एलायंस और दुधवा बाघ अभयारण्य से बुलाए गए 2 पशु चिकित्सकों और एक स्थानीय पशु चिकित्सक के दल ने डॉल्फिन का पोस्टमार्टम किया। प्रभागीय वन अधिकारी आकाशदीप बधावन के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मरने वाली मादा डॉल्फिन की उम्र 10 वर्ष के करीब आंकी गई है और उसकी लंबाई 1.97 मीटर थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, डॉल्फिन की मौत दम घुटने के कारण हुई और उसके गले, नाक व मुंह पर खून के धब्बे भी थे।

मालूम हो कि गंगा रिवर डॉल्फिन मुख्य रूप से गंगा, ब्रह्मपुत्र, मेघना और इनकी सहायक नदियों में पाई जाती हैं। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल और चीन की नदियों में इस नस्ल की डॉलफिन की मौजूदगी दर्ज की गई है। वर्ष 2009 में डॉलफिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया था। उक्त जलीय जीव को लुप्त होने की कगार वाले जलीय जीवों की श्रेणी में रखा गया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत की नदियों में लगभग 2,200 से 2,300 गैंगेटिक रिवर डॉल्फिन मौजूद हैं। कतर्नियाघाट अभयारण्य में बहने वाली गेरूआ नदी में इनकी संख्या 50 से 60 के बीच होने का अनुमान है। विशेषज्ञों के अनुसार, गैंगेटिक डॉल्फिन केवल ताजे पानी में रह सकती हैं और वे काफी शर्मीली व दृष्टिहीन होती हैं। ये डॉलफिन अल्ट्रासोनिक ध्वनि की मदद से मछली और अन्य जीवों का शिकार करती हैं।

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Anil Kapoor