सुलतानपुर की ‘शान’ बनीं डॉ. रूपाली सिंह, रूस से हासिल की ‘डॉक्टर ऑफ मेडिसिन की उपाधि’

punjabkesari.in Saturday, Jun 20, 2020 - 04:51 PM (IST)

सुलतानपुर: रूस के प्रथम आंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन के पैतृक शहर स्मोलेन्स में स्थित ‘स्मोलेन्स स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी’ से रूपाली सिंह ने ‘डॉक्टर ऑफ मेडिसिन की उपाधि’ प्राप्त कर सुलतानपुर जिले का नाम रोशन किया है। बचपन से ही चिकित्सा विज्ञान और शूटिंग में रुचि रखने वाली रूपाली सिंह का जन्म एकीकृत जनपद सुलतानपुर में एवं वर्तमान में अमेठी के कल्याण पुर गांव के एक अति साधारण परिवार में हुआ है। तीन पीढिय़ों से यह परिवार सेना में अपनी सेवा देता रहा है। आज भी रूपाली का भाई अजय प्रताप सिंह सेना में अपनी सेवा दे रहे हैं।
 
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यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. वीटा और प्रोफेसर डॉ. एलीना को मानती हैं आदर्श गुरू 
डॉ. रूपाली ने बताया कि वह स्मोलेन्स स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल साइंस के प्रसूति विज्ञान प्रोफेसर डा. वीटा तथा मेडिसिन की प्रोफेसर डा. एलीना तसपोवा को अपना आदर्श गुरू मानती हैं। रुपाली ने उनके मेडिकल प्रैक्टिस को अपने लिए प्रेरणादायी बताती हैं। 

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पिस्टल शूटर भी रही हैं डॉ.रूपाली 
डॉ.रूपाली की प्रारम्भ से लेकर माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा जिले के प्रतिष्ठित के.एन.आई.सी.ई स्कूल से हुई है। इस शिक्षा के दौरान वह राज्य स्तर की पिस्टल शूटर भी रही हैं।

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कहां से मिली प्रेरणा? 
चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा एवं शूटिंग जैसे खेल की प्रेरणा इनको अपने बाबा स्वर्गीय बद्री सिंह से मिली, जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के योद्धा थे। डॉ.रूपाली के पिता डॉ. विजय प्रताप सिंह कमला नेहरू इंन्स्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, सुलतानपुर में प्राचार्य हैं।

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बेटी की उपलब्धि पर काफी खुश हैं मां पुष्पा सिंह 
केएनआईएमटी के बी.एड. विभाग में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत डॉ. रूपाली की मां पुष्पा सिंह बेटी की उपलब्धि पर काफी खुश हैं। उन्होंने बताया कि सैन्य सेवा की अपनी पारिवारिक परम्परा से अभिप्रेरित रूपाली का सपना है कि वह भारतीय सैन्य सेवा में जाकर देश की चिकित्सा सेवा में अपना योगदान दे सकें। 

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सेना में तीन पीढियों से सेवा कर रहा परिवार
तीन पीढिय़ों से यह परिवार सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है। शीतला प्रसाद सिंह (20 राजपूत रेजिमेंट) में तैनात थे जो 1971 के भारत-पाक युद्ध लड़ चुके हैं। वहीं कप्तान सिंह (23 फील्ड रेजिमेन्ट) में ऑपरेशन विजय 1999 कारगिल युद्ध में दुश्मनों से सामने फौलाद बनकर डटे रहे। आज भी डॉ. रूपाली का भाई अजय प्रताप सिंह सेना में अपनी सेवा दे रहे हैं। रूपाली भाई की तरह सेना में जाकर इन्हीं जैसा आदर्श सैन्य सेवा करना चाहती हैं। 

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शिक्षा के क्षेत्र में भी परिवार का अमूल्य योगदान 

डॉ.रूपाली के पिता डॉ. विजय प्रताप सिंह कमला नेहरू इंन्स्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (के.एन.आई.एम.टी.), सुलतानपुर में प्राचार्य हैं। मां पुष्पा सिंह भी के.एन.आई.एम.टी. के बी.एड. विभाग में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। वहीं डॉ. रूपाली की मौसी डॉ. बंदना सिंह भी विधि विभाग में प्राध्यापक हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी इस परिवार के अमूल्य योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। 

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पूर्व मंत्री श्री विनोद सिंह समेत कई शुभ चिंतकाें ने दी शुभकामनाएं 
डॉ. रूपाली सिंह की इस उपलब्धि पर कमला नेहरू संस्थान के प्रबंधक श्री विनोद सिंह (पूर्व मंत्री यूपी सरकार) ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए समाज के प्रति अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन नि:स्वार्थ भाव से करते रहने का आर्शीवाद प्रदान कर उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना की है। संस्थान के बर्सर अनिल कुमार सिंह कार्यालय अधीक्षक अनिल सिंह, लेखाधिकारी प्रदीप श्रीवास्तव, विधि विभाग की डॉ. वंदना सिंह तथा उनके शुभ चिंतक अभिषेक पांडेय ने भी अपनी शुभकामनाएं दी है। 


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Ajay kumar

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