ई-कचरा निस्तारण के लिए नोएडा में 22 जगह लगे ई-डस्टबिन

punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2020 - 12:03 PM (IST)

नोएडाः ई-कचरा से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसका मुख्य कारण है खराब मोबाइल, बैट्री, पेनड्राइव, कंप्यूटर, घड़ी, टीवी लोगों द्वारा कहीं भी फेंकने की आदत। इस पर लगाम लगाने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने ऐसे कचरों के बेहतर निस्तारण के लिए 22 जगह ई-डस्टबिन लगवाए हैं।

पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरा
बता दें कि ई-वेस्ट से कॉपर और अन्य धातु निकालने के लिए कबाड़ी कई बार इन्हें जला देते हैं। सामान्यतौर पर लोग ई-वेस्ट और जनरल कचरे के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं। इनके जलने से क्लोरोनेटेड, ब्रोमिनेटेड जैसे जहरीले तत्व निकलते हैं। इसके अलावा लेड, मैग्निशियम, कॉपर, कैडमियम, मर्करी जैसे खतरनाक तत्व हवा में घुल जाते हैं। इनकी वजह से फेफड़े, किडनी और सांस संबंधी बीमारियां होती हैं। कैंसर की भी ये बड़ी वजह हैं। यह पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए बेहद खतरनाक होता है।

शहर को साफ रखने के लिए अथॉरिटी ने करीब 1000 सामान्य डस्टबिन भी विभिन्न जगहों पर लगवाए हैं। ई-डस्टबिन आकार में सामान्य से अलग हैं और उन पर निर्देश भी लिखे हैं। 8 नवंबर को अथॉरिटी ने ऐसा पहला डस्टबिन लगवाया था।

ई-वेस्ट को नहीं किया जा सकता रिसाइकल
ई-वेस्ट यानी ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, जिनका प्रयोग हो चुका हो और अब वह अनुपयोगी हैं। इनमें प्रमुख रूप से कंप्यूटर, लैपटॉप, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, एसी, टीवी, पेनड्राइव, मोबाइल, बैट्री समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं। इनके पार्ट बायोडिग्रेडबल नहीं होते हैं। ऐसे में इन्हें मानक तरीके से रिसाइकल नहीं किया जा सकता है।

 


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Ajay kumar

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