स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई पर लगा ग्रहण, शिक्षा का मंदिर बना जुआ खाना

punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2020 - 03:20 PM (IST)

सिद्धार्थनगर: उत्तर प्रदेश में सिद्धार्थनगर जिले के एक पूर्व माध्यमिक स्कूल के बंद होने से वहां के बच्चों की पढ़ाई पर ग्रहण लग गया है। गांव के छात्र-छात्राओं को अपनी शिक्षा जारी  रखने के लिए गांव से दूर जाना पड़ रहा है। विद्यालय दूर होने से कुछ ने तो पढ़ाई ही छोड़ दी है। बंद पड़े स्कूल भवन में बच्चे पढ़ाई की जगह ताश और जुआ खेल रहे हैं। वहीं अब जिम्मेदार स्कूल को जल्द ही खोलने की बात कह रहे हैं।
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बता दें कि मामला नौगढ़ विकासखंड के रिसालतपुर गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय है। आज- कल सुनसान पड़े इस स्कूल में करीब 60 बच्चे पढ़ते थे। एक मामले में स्कूल के हेडमास्टर को जेल क्या हुई स्कूल ही बंद हो गया।
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अभिभावकों का कहना है कि यहां के छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया। यहां पढ़ने वाले बच्चों को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए 4 किलोमीटर दूर दूसरे सरकारी स्कूल में जाना पड़ता है। स्कूल दूर होने से आधे से अधिक बच्चों ने पढ़ाई भी छोड़ दी है। बच्चों के अभिभावक अचानक स्कूल बंद होने से हैरान और परेशान हैं और वे चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले ताकि उनके बच्चे फिर से स्कूल जाएं।
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फिलहाल शिक्षा विभाग की लापरवाही से बंद हो चुके इस स्कूल की कक्षाओं में पढ़ाई की जगह गांव के बच्चे ताश और जुआ खेलते हैं। जिम्मेदार अधिकारियों ने स्कूल के एक टीचर के जेल जाने से स्कूल को तो बंद कर दिया लेकिन कक्षाओं के दरवाजों को खुला छोड़ दिया, उसे लॉक करने की जिम्मेदारी भी नहीं उठाई। जिससे शिक्षा का मंदिर इन दिनों जुआ खाना बन गया है।
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स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं स्कूल के बंद होने और स्कूल के इस हाल पर काफी दुखी हैं। एक छात्रा ने बताया कि मई माह से स्कूल बंद है। उनकी मांग है कि उनके गांव का विद्यालय जल्दी खुले और उन्हें दूर जाने से हो रही कठिनाइयों से निजात मिल सके।
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वहीं स्कूल बंद होने और 60 बच्चों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए दूर जाने के सवाल पर जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि उन्हें अभी हाल ही में इसकी जानकारी मिली है। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी से पूरी जानकारी मांगी है और जल्द से जल्द स्कूल में पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। स्कूल बंद होने में शिक्षा विभाग की लापरवाही आने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

आप को बताते चलें कि सिद्धार्थनगर जिला आकांछा ज़िले में शामिल है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी भी इसी जनपद के हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही कई सवाल खड़े करती है।


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Ajay kumar

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