बजट पर अखिलेश ने ली चुटकी, कहा- बड़े-बड़े अर्थशास्त्री भी Microscope लगाकर ‘अच्छे दिन’ नहीं ढूंढ पा रहे

punjabkesari.in Tuesday, Feb 02, 2021 - 07:32 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार का बजट मायूसी का दस्तावेज है जिसमें मिले धोखे को किसान-नौजवान, छोटा कारोबारी, नौकरी पेशा कोई भी भूल नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने जुमले और सपने बेचे, सरकार बनने के बाद अब वह जमीन से लेकर जमीर तक बेचने पर आमादा हो गई है। भाजपा सरकार में लोगों के लिए अच्छा कुछ भी नहीं है। बड़े-बड़े अर्थशास्त्री भी बजट में माइक्रोस्कोप लगाकर भी किसी के लिए अच्छे दिन नहीं ढूंढ पा रहे हैं। पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त सेस, यूरिया सब्सिडी और पोषण आधारित सामग्री पर सब्सिडी आवंटन में भारी कटौती कृषि विनाशक नीतियों का परिचायक है।      

अखिलेश ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल के रूप में भाजपा का रूपांतरण ट्रेडिंग कम्पनी के रूप में हो गया है। उसका काम विपक्षी विधायकों की खरीद फरोख्त और राष्ट्रीय सम्पत्तियों को चंदघरानों को देकर रकम एकत्र करना रह गया है। भाजपा सरकार की तमाम घोषणाएं सिफर् रोकड़ा बटोरने की कोशिश साबित होंगी। भाजपा समझती है कि किसानों का दिल खेती में नहीं, टैबलेट में बसता है।       

यादव ने कहा कि रोजगार सृजन की कई कहानियां भाजपा सरकार सुनाती रहती है लेकिन हकीकत यह है कि मनरेगा के मद में आंवटन 30 प्रतिशत कम कर दिया गया है। ग्रामीण परिवारों पर इससे बड़ा दबाव बढ़ेगा। इस बजट में किसी सुधार की शुरूआत नहीं की गई है। सीमा शुल्क, जीएसटी कानून का ढांचा पूरी तरह अतार्किक है। केन्द्र सरकार उन राज्यों को झांसे में लेना चाहती है जहां चुनाव होनें हैं। जहां चुनाव नहीं होने है उनकी उपेक्षा कर दी गई है। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन और युवाओं को काम देने की दिशा में यह बजट निराशा के संकेत देता है। युवाओं को विवेकानंद का पाठ पढ़ाने वाले प्रधानमंत्री जी नौजवानों के हाथों में नई नियुक्तियों के पत्र भी नहीं थमा रहे हैं। किसानों के बारे में भी बड़ी बातें की गईं लेकिन यह बात भुला दी गई कि मंहगाई 31 प्रतिशत बढ़ गई है जबकि किसान के लिए समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना रकम अदा करने का दावा हवाई साबित हो जाता है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि कारोबारी और नौकरी पेशा लोगों को कोई खास रियायत नहीं मिली है। बजट के बाद मध्यम वर्ग को बड़ा झटका लगेगा क्योंकि सामान्य चीजों के दामों में बाजार में बढ़ोत्तरी होना स्वाभाविक है। कपड़ा, मोबाइल-चार्जर, फ्रिज, एसी के दाम बढ़ाकर सरकार ने आम आदमी को ही संकट में फंसा दिया है। भाजपा से अब लोगों का भरोसा टूट गया है। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में जनता उसे सचमुच ‘अच्छे दिन ’ दिखाएगी जब भाजपा सत्ता से बाहर खुले वातावरण में सांस लेने का सुख हासिल करेगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Umakant yadav

Recommended News

Related News

static