''उत्तर प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य की हालत बदतर''

punjabkesari.in Wednesday, Jun 26, 2019 - 05:55 PM (IST)

 

लखनऊः राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने बुधवार को कहा कि योगी सरकार के कार्यकाल में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गयी है जो राज्य की सेहत के लिये नुकसानदेह है।

डॉ. अहमद ने कहा कि किसी भी राज्य को उत्तम बनाने के लिए केवल शिक्षा और स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है लेकिन उत्तर प्रदेश का दुर्भाग्य है कि पिछले सवा दो साल के अन्दर दोनो ही विभागों की दशा निम्न स्तर पर आ चुकी है। मौजूदा सरकार का यह तीसरा शैक्षिक सत्र है लेकिन अब तक न ही शिक्षा व्यवस्था दुरूस्त हो सकी और न ही शिक्षक और शिक्षिकाओं की जरूरत के अनुरूप नियुक्ति हो सकी। हद की बात तो यह है कि आधा शैक्षिक सत्र बीतने के बाद पाठ्य पुस्तकों की छपाई हो पाती है।

वर्तमान सत्र की अभी तक समस्त पाठ्य पुस्तके बाजार में उपलब्ध नहीं है जबकि शैक्षिक सत्र प्रारम्भ हुये दो माह बीत चुके हैं। उन्होने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की भी लचर व्यवस्थाएं वर्तमान सरकार के शासनकाल में देखने को मिल रही हैं। कहीं पर डाक्टर नहीं है तो कहीं पर कर्मचारी नदारत हैं। हद तो तब हो जाती है कि जब मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर और एम्बुलेस जैसी व्यवस्थाएं नहीं मिलती हैं और सरकार का अरबो रूपये का बजट खर्च हो जाता है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री अपनी पीठ थपथपाने से बाज नहीं आते हैं।

रालोद नेता ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 21 राज्यों में सबसे निचले पायदान पर उत्तर प्रदेश है और उत्तर प्रदेश का स्कोर 28.61 है जबकि 2015-16 में यह स्कोर 33.69 था। यह स्वयं सिद्व है कि पिछली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था से बदतर वर्तमान सरकार की व्यवस्था हैं। प्रदेश का चहुंमुखी विकास तभी सम्भव है जब स्वास्थ्य सम्बन्धी व्यवस्थाओं की 24 घण्टे निगरानी की जाये।

Tamanna Bhardwaj