UP Politics: राज्यसभा चुनाव से पहले BJP ने कर दिया खेला! अखिलेश यादव की बैठक से नदारद रहे सपा के 8 विधायक

punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2024 - 07:14 AM (IST)

UP Politics: राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले सोमवार रात (26 फरवरी) को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई पार्टी विधायकों की बैठक में 8 विधायक शामिल नहीं हुए। इन विधायकों की अनुपस्थिति को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सपा अध्यक्ष ने राज्यसभा चुनाव में मतदान तथा अन्य प्रक्रियाओं के बारे में बताने के लिए पार्टी विधायकों की एक बैठक बुलाई थी लेकिन उसमें विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पाण्डेय (ऊंचाहार), मुकेश वर्मा (शिकोहाबाद), महाराजी देवी (अमेठी), पूजा पाल (कौशांबी), राकेश पाण्डेय (अंबेडकर नगर), विनोद चतुर्वेदी (कालपी), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज), अभय सिंह (गोसाईंगंज) शामिल नहीं हुए।

राज्यसभा चुनाव को लेकर बुलाई सपा की बैठक से नदारद रहे 8 विधायक
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में स्वीकार किया कि सपा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक और रात्रि भोज में पार्टी के 8 विधायक शामिल नहीं हुए। हालांकि, उन्होंने उनके नाम नहीं बताए। इस सवाल पर कि क्या बैठक में सपा के टिकट पर विधायक बनी अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की नेता पल्लवी पटेल भी शामिल नहीं हुई, चौधरी ने बताया कि वह बैठक में भले शामिल नहीं हुई लेकिन उन्होंने अलग से सपा अध्यक्ष से मुलाकात कर ली थी। साथ ही राज्यसभा चुनाव में सपा उम्मीदवारों का समर्थन करने का आश्वासन भी दिया। पार्टी अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक में सपा के आठ विधायकों के नहीं पहुंचने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं।

UP की 10 सीटों पर मंगलवार को चुनाव होना है लेकिन कुल 11 उम्मीदवार मैदान में
राज्यसभा के लिए उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर मंगलवार को चुनाव होना है लेकिन कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्य विधानसभा में अपने संख्या बल के आधार पर भाजपा सात जबकि समाजवादी पार्टी तीन उम्मीदवारों को चुनाव जिताने में सक्षम है लेकिन भाजपा द्वारा उद्योगपति संजय सेठ को अपना आठवां उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यह मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। अगर भाजपा के आठवें उम्मीदवार के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग' हुई तो सपा को अपना तीसरा प्रत्याशी जीताने में मुश्किल हो सकती है। एक उम्मीदवार को राज्यसभा पहुंचने के लिए 37 प्रथम वरीयता वाले मतों की जरूरत है। समाजवादी पार्टी के पास 108 विधायक हैं जबकि उसके गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के पास दो सीटें हैं। अगर सपा पार्टी के सभी विधायकों को अपने साथ रखने में कामयाब नहीं हुई तो उसके तीसरे प्रत्याशी को जीत हासिल करने में मुश्किल पैदा हो सकती है।

जानिए, क्या बोले सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी?
हालांकि, सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि जो विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए हैं उनका वास्तविक रुख मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान ही पता चलेगा। फिलहाल वह इस बात के लिए आश्वस्त हैं कि पार्टी अपने सभी तीनों उम्मीदवारों को जिता लेगी। सपा ने अभिनेत्री जया बच्चन, पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और पूर्व सांसद रामजीलाल सुमन को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मंगलवार को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिये जायेंगे।

भाजपा और सपा दो सबसे बड़े दल
प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में क्रमशः 252 विधायकों और 108 विधायकों के साथ भाजपा और सपा दो सबसे बड़े दल हैं। सपा की गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के पास दो सीटें हैं। भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास 13 सीटें, निषाद पार्टी के पास छह सीटें, राष्ट्रीय लोक दल के पास नौ सीटें, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पास छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास दो और बसपा के पास एक सीट है। फिलहाल चार सीटें खाली हैं। भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए सात अन्य उम्मीदवारों में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत, भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह और आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन शामिल हैं।

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Anil Kapoor