खाली निकली केंद्र सरकार की ‘वाटर ट्रेन’ CM अखिलेश ने दिया था तत्काल जांच के आदेश

punjabkesari.in Thursday, May 05, 2016 - 08:36 PM (IST)

झांसी: केंद्र सरकार द्वारा बुधवार देर शाम बुंदेलखंड के लिए भेजी गई पानी की ट्रेन को लेकर जो खुलासा हुआ है वह बेहद चौंकाने वाला है। दरअसल जिस पानी की ट्रेन को लेकर यूपी की राजनीति गर्माई हुई है, उसमें पानी ही नहीं है। रतलाम से कल शाम झांसी पहुंची यह वाटर ट्रेन खाली है। इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने झांसी के डीएम को ट्रेन की तत्काल जांच करने का आदेश दिया था। आदेश के बाद जब ट्रेन की जांच की गई तो सारे डिब्बे खाली निकले। 

 

गौरतलब है कि यह खबर आई कि रतलाम से कल शाम झांसी एक वाटर ट्रेन पहुंची है। यह बुंदेलखंड में भीषण जलसंकट से जूझ रहे लोगों तक पानी पहुंचाएगी। इसके यह सूचना जैसे ही झांसी के डीएम ने मुख्य सचिव को दी, तुरंत आलोक रंजन ने मुख्यमंत्री अखि‍लेश को बताया। फिर क्या था, मुख्यमंत्री ने अफसरों को जमकर डांट लगाई। पूछा कि क्यों वहां पानी की व्यवस्था राज्य सरकार नहीं कर पा रही थी, केंद्र से पानी भेजना पड़ गया। अगर पानी की कमी आई है तो कोई जि‍म्मेदार अफसर बचेगा नहीं।

मुख्यमंत्री के तेवर देख मुख्य सचिव व आला अफसरों को गर्मी में ठंड लगने लगी। आनन-फानन में मुख्य सचिव ने बुंदेलखंड क्षेत्र के सभी जिलाध‍िकारियों को अलर्ट करते हुए सीधे फोन पर बात की। कहा गया कि स्थानीय स्तर पर टैंकर लगवाएं और हर घर हर गांव में पानी खुद पहुंचाएं। ट्रेन से लाए गए पानी का इस्तेमाल प्रतिबंध‍ित सा करते हुए अफसरों का पूर अमला बुंदेलखंड के पानी पर लग गया है।

इसके बाद महोबा के डीएम वीरेश्वर ने झांसी के रेलवे अफसरों को पत्र लिखकर साफ कर दिया है कि उन्हें ट्रेन से लाया गया पानी नहीं चाहिए। हालांकि झांसी रेलवे स्टेशन के यार्ड में रतलाम से आई जो वाटर ट्रेन खड़ी है, उसमें पानी ही नहीं है। रेलवे का कहना है कि यह टैंकर महोबा के जल संकट प्रभावित क्षेत्रों में जल आपूर्ति के लिए लाया गया है पर इस मामले में महोबा जिला प्रशासन ने जल आपूर्ति की अपनी व्यवस्था को पर्याप्त बताते हुए मदद लेने से इंकार कर दिया है।