CM योगी ने जारी किए जरूरी दिशा-निर्देश- बालू-मोरम के विकल्प के रूप में कृत्रिम बालू ‘एम-सेंड' को प्रोत्साहन दें

punjabkesari.in Friday, Jul 08, 2022 - 07:40 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को खनन विभाग के कामकाज की समीक्षा कर जरूरी दिशा-निर्देश जारी करते हुए बालू और मोरम के विकल्प के रूप में कृत्रिम बालू ‘एम-सेंड' के प्रयोग को बढ़ावा देने को कहा है।       

योगी की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार बालू और मोरम के विकल्प के रूप में पत्थरों के क्रशिंग से उत्पन्न कृत्रिम बालू ‘एम-सेंड' को प्रोत्साहित किया जाये। विभाग की समीक्षा के आधार पर मुख्यमंत्री ने सतत प्रयासों से प्रदेश में खनन संबंधी कार्यों में पारदर्शिता आने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आमजन हों या पट्टाधारक अथवा ट्रांसपोटर्र, सभी की सुविधा का ध्यान रखते हुए अनेक अभिनव प्रयास किए गए हैं। खनन कार्य से जुड़े सभी हितधारकों के लिए पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित हो। यह सुनिश्चित करें कि खनिजों एवं उप खनिजों के मूल्य नियंत्रण में रहें।       

उन्होंने कहा कि लगातार प्रयासों से वित्तीय वर्ष 2022-23 में गत वर्ष की तुलना में इस साल जून तक 168 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है। यह प्रगति संतोषजनक है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए खनन कार्यों से 4,860 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य है। तदनुरूप आवश्यक प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि खनन कार्यों पर निगरानी के लिये ‘इंटीग्रेटेड माइनिंग सर्विलांस' के माध्यम से खनन क्षेत्रों की जियो फेंसिंग, खनिज परिवहन करने वाले वाहनों पर माइन टैग, आटिर्िफशियल इंटेलिजेंस आधारित चेक गेट की व्यवस्था खनन कार्यों को और पारदर्शी बनाने वाली है। योगी ने बेहतर खनिज प्रबन्धन के माध्यम से राजस्व संग्रह में वृद्धि का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्रयास आगे भी जारी रहना चाहिये।       

मुख्यमंत्री ने कहा कि बालू, मोरम और गिट्टी जैसे उपखनिज सीधे तौर पर आम आदमी की जरूरतों से जुड़े हैं, इसलिये इनकी कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी न हो। योगी ने निर्देश दिया कि विभिन्न विकास परियोजनाएं भी इससे प्रभावित होती हैं, ऐसे में उपखनिजों का कृत्रिम अभाव पैदा करने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ विधिक कारर्वाई की जाए। उन्होंने फॉस्फोराइट, पोटाश, स्वर्ण धातु अयस्क, प्लेटिनम समूह के अयस्क, लौह अयस्क, एंडालूसाइट और सिलिमाइट जैसे उर्वरक खनिज, बहुमूल्य धातुओं, लौह धातु और रिफ्रैक्ट्री खनिजों के सम्बंध में निविदा की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करने को कहा। योगी ने कहा कि नदियों के तल में स्थित बालू एवं मोरम आदि के खनन क्षेत्रों की ‘सस्टेनिबिलिटी' के लिए तकनीकी संस्थाओं से री-प्लेनिशमेन्ट स्टडी कराई जाए।

उन्होंने इस काम में भारत सरकार के उपक्रम सीएमपीडीआईएल जैसी प्रतिष्ठित संस्था के सहयोग से स्टडी रिपोटर् बना कर इसके आधार पर ही भावी कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों में बालू और मोरम की पुनर्पूर्ती कम होने के द्दष्टिगत बड़े जलाशयों, बांधों की ड्रेजिंग कराने से प्रचुर मात्रा में बालू मोरम उपलब्ध हो सकेगी। इस संबंध में समयबद्ध रूप से कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रारंभ हुए ‘माइन मित्र' पोटर्ल पर पट्टाधारकों एवं ट्रांसपोटर्रों को भी लॉग इन-आईडी देकर खनिज व्यवस्था में स्टेक होल्डर बनाया जा रहा है। इससे न केवल सभी को सुविधा होगी, वरन, व्यवस्था में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।      

मुख्यमंत्री ने कहा कि माइन मित्र पोटर्ल पर खनन विभाग की विभिन्न सेवाएं सहज रूप से उपलब्ध हैं। किसी को अपनी निजी भूमि से मिट्टी निकालनी हो, खरीदी गई मिट्टी का परिवहन करना हो, खनिज कार्यों के लिए लीज, परमिट, रजिस्ट्रेशन आदि को इस प्लेटफार्म से जोड़ा जाना लोगों को काफी सहूलियत देने वाला सिद्ध हो रहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न हो। यह नियमविरुद्ध भी है और दुर्घटनाओं का कारक भी बनता है। योगी ने इस दिशा में सख्ती बरतने को कहा।


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Content Writer

Mamta Yadav

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