PF घोटाले पर बोले उर्जा मंत्री- अखिलेश सरकार में निवेश की लिखी गई पटकथा, CBI-ED करेगी जांच

punjabkesari.in Sunday, Nov 03, 2019 - 05:36 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यूपीसीएल में कर्मचारियों के भविष्य निधि के निवेश में हुए भ्रष्टाचार पर बयान दिया है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि फाइनेंस कंपनियों में निवेश का फैसला 2014 में सपा सरकार में लिया गया था। तब बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि, बैंक से इतर अधिक ब्याज देने वाली संस्थाओं में भी निवेश किया जा सकता है। इस मामले की जांच के लिए सीबीआई को सिफारिश की गई है। ईडी भी इस मामले की जांच करेगी।

अखिलेश बताएं उनका दाउद की कंपनी से क्या सांठगांठ- शर्मा
शर्मा ने कहा कि कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बताना चाहिए कि, उनका दाउद की कंपनी से क्या सांठगांठ है। उन्होंने कहा कि, जो लोग करप्शन में माहिर हैं, ऐसे दलों के नेताओं को योगी सरकार पर टिप्पणी करना शर्मनाक है। जिनके घर शीशे के होते हैं, वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकते हैं।

जांच समीती ने 29 अगस्त 2019 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की
उन्होंने बताया कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (DHFL) में निवेश 17 मार्च 2017 से प्रारंभ किया गया। अनियमितता के संबंध में 10 जुलाई 2019 को पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष को शिकायत प्राप्त हुई थी। जिस पर 12 जुलाई 2019 को निदेशक वित्त की अध्यक्षता में जांच के आदेश दिये गए। मामले पर जांच समिति ने 29 अगस्त 2019 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

जांच रिपोर्ट में सामने आया कि मामले में गंभीर वित्तीय अनियमितता की गई है जिसमें भारत सरकार के निवेश नियमों का सीधे तौर पर उल्लंघन किया गया। जिस पर 1 अक्टूबर 2019 को मामले की विस्तृत जांच हेतु पॉवर कारपोरेशन की सतर्कता विंग को निर्देशित किया गया। 10 अक्टूबर 2019 को ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव पीके गुप्ता को निलंबित कर विभागीय जांच के निर्देश दिये गए।

भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा- उर्जा मंत्री
उर्जा मंत्री ने कहा कि, भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी अधिकारी इस प्रकरण में दोषी होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। किसी कर्मचारी का अहित नहीं होगा। पावर कारपोरेशन सभी देयों का भुगतान करेगा।



 

Tamanna Bhardwaj