इंजीनियर्स डे पर बड़ी उपलब्धि: अब मूकबधिर के इशारों से ऑपरेट होगा Whatsapp, साफ्टवेयर ‘अंग’ से आसान हुआ संवाद
punjabkesari.in Thursday, Sep 16, 2021 - 11:10 AM (IST)
कानपुर: जाने-अनजाने कभी सड़क तो कभी किसी दफ्तर में निशक्तजनों (मूकबधिर) से लोग ऐसा व्यवहार कर देते हैं कि इंसानियत शर्मसार हो जाती है। उनकी शिकायत सुनने में थानेदार आनाकानी करते हैं, परिजन भी उन्हें नजरअंदाज करते हैं, क्योंकि कोई उनकी बात समझ नहीं पाता। उनकी बात सही मंच पर न पहुंचने और आरोपियों पर कोई कार्रवाई न होने के कारण वे हीनभावना का शिकार हो जाते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब किसी भी मूकबधिर को अपनी बात किसी को समझाने के लिए बहुत मशक्कत नहीं करनी होगी। बस उनको मोबाइल कैमरा ऑन करके इशारा भर करना होगा और मैसेज जहां चाहेंगे वहां चला जाएगा। इंजीनियरिंग डे के मौके पर यह उपलब्धि बहुत बड़ी मानी जा रही है।
एआई न्यूरल नेटवर्किंग और फेस डिटेक्शन के प्रोसेस पर काम करता है साफ्टवेयर
बता दें कि कानपुर के जय नारायण विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के इंटर के स्टूडेंट शेखर तिवारी और प्रियांश उपाध्याय ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर काम करने का साफ्टवेयर बनाया है। जिसका नाम 'अंग' रखा गया है। शेखर तिवारी और प्रियांश उपाध्याय के अनुसार, उनका यह सॉफ्टवेयर एआई न्यूरल नेटवर्किंग, पायथन लैंग्वेज और फेस डिटेक्शन के प्रोसेस पर काम करता है। इसके लिये इन्होंने सॉफ्टवेयर में मूकबधिर के इशारों को कोड के जरिए इनबिल्ट किया है। जैसे ही कैमरे के सामने इशारा होता है, वह उसको टेक्स्ट फॉर्मेट में बदल देता है। सॉफ्टवेयर से व्हाट्सएप कनेक्ट होने पर वह मैसेज चयनित व्यक्ति को पहुंच जाता है।
शेखर और प्रियांश को वरिष्ठ वर्ग में मिला प्रथम स्थान
बुधवार इंजीनियर्स डे के मौके पर जय नारायण विद्या मंदिर इंटर कॉलेज विकास नगर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अटल टिंकरिंग लैब में स्टूडेंट मोड इंजीनियरिंग कंपटीशन में शेखर तिवारी और प्रियांश उपाध्याय वरिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान मिला है। अंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडिकैप्ड के निदेशक प्रो रचना अस्थाना ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कंपटीशन में 40 छात्रों ने अपने मॉडल प्रदर्शित किए। द्वितीय स्थान पर दसवीं कक्षा के आयुष सचान रहे, इन्होंने रडार सिस्टम बनाया, तृतीय स्थान पर सारांश बंसल रहे जिन्होंने ऑटो प्लांट गिफ्ट सेट बनाया, जो पानी की कमी होने पर स्वयं पानी ले लेगा।
कनिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान पर रहे श्रेय तिवारी
कनिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान पर रहे श्रेय तिवारी ने पोर्टेबल हैंड ड्रिल बनाया, द्वितीय स्थान पर रहे शशांक सोनकर ने मोटरबोट व तृतीय स्थान पर रहे रितेश बाजपेयी ने हैंड सैनीटाईजर मशीन बनाकर अपनी ओर लोगो का ध्यान खींचा। आकर्षण का केंद्र रहे 12वी के विद्यार्थी गौरव व अर्पित जिन्होंने सायकिल स्पिरिट नाम का स्टार्टअप शुरू किया है जिसमे वह लोगों की सुविधानुसार ई साईकल बनाते है।