कोरोना के चलते रद्द हुआ इटावा का विश्व प्रसिद्ध रामलीला, विदेशी दर्शकों में मायूसी
punjabkesari.in Tuesday, Oct 06, 2020 - 05:10 PM (IST)
इटावा: उत्तर प्रदेश में इटावा के जसवंतनगर में सैकड़ों सालों से आयोजित होने वाली विश्व प्रसिद्ध रामलीला वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते रदद कर दी गई है । रामलीला कमेटी के व्यवस्था प्रभारी अजेंद्र सिंह गौर ने मंगलवार को बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित एवं युद्ध प्रदर्शन की प्रधानता वाली रामलीला को कोरोना काल मे आयोजन के लिए प्रशासनिक अनुमित ना मिलने के कारण रद्द कर दिया गया है।
बता दें कि रामलीला का आयोजन 14 अक्टूबर से प्रस्तावित था लेकिन अब इसको टाल दिये जाने से रामलीला के दर्शकों में मायूसी देखी जा रही है । जसवंतनगर की उपजिलाधिकारी ज्योत्सना बंधु ने बताया कि रामलीला कमेटी की ओर से अनुमति का अनुरोध किया गया था। बडी तादात में लोगों के हिस्सेदारी होती है और प्रबंधन की ओर से संख्या का कोई निर्धारण नही किया जा सका है इसलिए आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है ।
मॉरीशस, त्रिनिदाद, थाईलैंड, इंडोनेशिया जैसे देशों के रामलीला प्रेमी जसवंतनगर शैली की रामलीला के बड़े मुरीद हैं। यहां लीलाओं का प्रदर्शन अपनी विशेष शैली के अनुरूप किया जाता है। यहां के पात्रों की पोशाकों से लेकर युद्ध प्रदर्शन में प्रयुक्त किए जाने वाले असली ढाल, तलवारों, बरछी, भालों, आसमानी वाणों आदि का आकर्षण देखने के लिए दर्शकों को खींच लाता है।
कुछ वर्षों पूर्व जब दक्षिणी अमेरिकी महाद्वीप के कैरेबियन देश त्रिनिदाद, क्रिकेट की शब्दावली में वेस्टइंडीज का एक देश से रामलीला पर शोध कर रही डा.इंद्राणी रामप्रसाद जब यहां का रामलीला का प्रदर्शन देखने जसवंतनगर आई तो वह यह देखकर आश्चर्यचकित रह गई की रामलीला का प्रदर्शन इस तरह भी हो सकता है। बाद में दुनिया की 400 रामलीलाओं का अध्ययन करने के बाद उन्होंने जब अपनी थीसिस लिखी तो उसमें जसवंतनगर की मैदानी रामलीलाओं को उन्होंने दुनिया की सबसे बेहतरीन रामलीला बताते हुए विभिन्न रामलीलाओं का वर्णन किया।
डॉ इंद्राणी रामप्रसाद को त्रिनिनाद विश्वविद्यालय से रामलीला के प्रदर्शन विषय पर डाक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। उन्होंने इसके बाद पूरी दुनिया के विभिन्न देशों में हिंदू समुदाय के लोगों तक इस रामलीला की खूबियों और आकर्षण को पहुंचाने का काम किया । इसके बाद ही लोग समझ सके कि जसवंतनगर की रामलीला दुनिया में बेजोड़ है।