Loksabha Election 2019: डालिए, एक नजर एटा लोकसभा सीट पर

punjabkesari.in Monday, Apr 22, 2019 - 11:13 AM (IST)

एटाः एटा लोकसभा सीट हमेशा से वीआईपी सीटों में गिनी जाती है। यहां से बीजेपी के महादीपक सिंह शाक्य ने 6 बार चुनाव जीता और एक तरीके से इस सीट को बीजेपी सीट बना दी। बीजेपी के कल्याण सिंह भी यहां से सांसद रहे। कल्याण के बाद उनके पुत्र राजवीर सिंह भी यहां से सांसद रहे। इस सीट के इतिहास की बात करें तो आजादी के बाद 1952 में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कि लेकिन 1957 और 1962 के चुनाव में हिंदू महासभा ने इस सीट से चुनाव जीता। हालांकि 1967 और 1971 का चुनाव जीत कर कांग्रेस ने यहां से वापसी की, लेकिन 1977 में चली कांग्रेस विरोधी लहर में चौधरी चरण सिंह की भारतीय लोकदल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी 1980 के हुए चुनाव में यहां से आखिरी बार कांग्रेस जीत पाई थी।

1984 में लोकदल के जीत दर्ज करने के बाद यह सीट बीजेपी के खाते में गई। 1989, 1991, 1996 और 1998 में यहां भारतीय जनता पार्टी के महादीपक सिंह शाक्य ने जीत दर्ज की थी। 1999 और 2004 एटा से लगातार दो बार समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की, लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भारतीय जनता पार्टी से अलग हो अपनी पार्टी बना यहां से चुनाव लड़ा और जीता। वहीं 2014 लोकसभा चुनाव में कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह यहां से सांसद बने।

एटा में आती हैं 5 विधानसभा सीटें

बात करें विधानसभा सीट कि तो यहां एटा जिले की 2 सीटें एटा और मारहरा सीटें आती हैं, जबकि कासगंज जिले कि कासगंज, अमॉपुर, पटियाली सीटें इस लोकसभा में आती हैं।

2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां सभी दलों को धूल चटाते हुए सभी सीटों पर जीत दर्ज की और बड़ा उलटफेर किया।

जानिए एटा सीट से कितने मतदाता करेंगे मत का प्रयोग

बात करें मतदाताओं कि तो इस एटा सीट पर कुल 16 लाख 7 हज़ार 290 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 70 हज़ार 601 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 36 हज़ार 641 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 48 है।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

एटा लोकसभा सीट पर 2014 में हुए चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर राजवीर सिंह ने कब्जा जमाया था। राजवीर सिंह कल्याण सिंह के पुत्र हैं और इससे पहले ये सीट कल्याण सिंह के पास ही थी। राजवीर सिंह ने सपा के देवेंद्र सिंह यादव को चुनाव हराया था। राजवीर सिंह को कुल 4 लाख 74 हज़ार 978 वोट मिले थे। वहीं सपा के देवेंद्र सिंह यादव को 2 लाख 73 हज़ार 977 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के नूर मोहम्मद खान थे। नूर मोहम्मद को कुल 1 लाख 37 हज़ार 237 वोट मिले थे।

एक नजर लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजों पर

2009 में एटा सीट पर हुए लोकसभा चुनाव में कल्याण सिंह ने यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कि कल्याण सिंह ने बसपा के कुंवर देवेंद्र सिंह यादव को चुनाव हराया। कल्याण सिंह को कुल 2 लाख 75 हज़ार 717 वोट मिले, जबकि बीएसपी के देवेंद्र सिंह यादव को 1 लाख 47 हज़ार 749 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के श्याम सिंह शाक्य रहे। श्याम सिंह शाक्य को 88 हज़ार 562 वोट मिले थे।

एक नजर लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजों पर

बात करें 2004 लोकसभा में हुए चुनाव कि तो एटा सीट पर समाजवादी पार्टी के कुवंर देवेंद्र सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी। देवेंद्र ने बीजेपी के अशोक शाक्य को हराया था। देवेंद्र सिंह यादव को कुल 2 लाख 76 हज़ार 156 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी के अशोक रतन शाक्य को 2 लाख 24 हज़ार 821 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर बसपा के रामगोपाल शाक्य रहे। रामगोपाल को 56 हज़ार 873 वोट मिले थे।
 

Tamanna Bhardwaj