मिसाल: हेडकांस्टेबल जितेंद्र यादव ड्यूटी के साथ जरूरतमंदों की कर रहे हैं हरसंभव मदद

punjabkesari.in Wednesday, May 12, 2021 - 09:41 PM (IST)

झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी में हेडकांस्टेबल के पद पर तैनात जितेंद्र यादव अपनी जिम्मेदारियां निभाते हुए जरूरतमंद लोगों की हर संभव मदद कर जहां चाह वहां राह की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। 

PunjabKesariबात चाहे असमर्थ लोगों को राशन मुहैया कराने की हो, सर्दियों में फुटपाथ के पास ठंड से ठिठुरते बैठे लोगों को कंबल देने की, कोविड के समय में जरूरतमंदों के लिए प्लाज़्मा और रक्त दान करने की, प्रवासी मजदूरों को चप्पल व भोजन उपलब्ध कराने की या गरीब व असहाय बच्चों को उचित इलाज़ दिलवाने की या गरीब बच्चों को पढ़ाने की यह सभी कार्य जितेंद्र बखूबी निभाते हैं। यादव यह सभी काम अपनी संस्था ‘उम्मीद रोशनी' के माध्यम से करते हैं। 

हाल ही में इनकी मदद से जनपद ओरछा गेट बाहर निवासी नसीम कुरेशी के नौ माह के बच्चे को जीवनदान मिला है। इसके पहले भी लकी नाम के बच्चे का भी ऑपरेशन इनकी मदद से कराया गया था। कोविड के समय में जहां हर तरफ अफरातफरी मची हुयी है वहीं इस समय संस्था की मदद से बच्चे का ऑपरेशन मुंबई में संभव हो सका। पेशे से मजदूर बच्चे के पिता नसीम उनकी संस्था और जितेंद्र का बहुत धन्यवाद करते है, उन्होने कहा कि वह सिफर् दुआ कर सकते हैं 7 इन लोगों ने बढ़-चढ़ कर हमारा साथ दिया, और हमारे बच्चे को एक नई जिंदगी दी।                     

जितेंद्र बताते हैं कि पहले बच्चे के ऑपरेशन के दौरान उन्होने ट्विटर के माध्यम से सोनू सूद को ट्वीट किया था, जिसके परिणाम में उसका ऑपरेशन हो सका। ऐसे ही इस बार उनकी संस्था की सदस्य सुष्मिता गुप्ता ने ट्वीट किया, जिसके बाद मुंबई का रोटरी क्लब आगे आया और नसीम को मदद मिल सकी। जितेंद्र ने कहा कि उनका प्रयास रहता है कि वह हर जरूरतमंद को मदद मुहैया करा सकें। पिछले आठ वर्षों से वह मानवसेवा के इस कार्य में लगे हुए हैं और लगभग पांच वर्ष पहले उन्होने और उनके भाई ने मिलकर उम्मीद रोशनी संस्था की शुरुआत की थी, जिसमें अब सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं। उन्होने खुद अब तक 10 बार रक्तदान किया है7 इसके साथ ही न सिफर् झांसी बल्कि मऊरानीपुर, ललितपुर और अब जालौन में भी उनकी संस्था के माध्यम से लोगों को मदद मुहैया कराई जा रही है।              

पेशे से हैड कांस्टेबल जितेंद्र बताते है कि जब पिछली बार कोविड ने दस्तक दी थी, तब उनकी टीम के सदस्यों के द्वारा झांसी में करीब 70 हज़ार और मऊरानीपुर में करीब 40 हज़ार प्रवासियों को चप्पल, भोजन और जलपान की व्यवस्था कराई गयी थी। माता - पिता के प्रोत्साहन और मानव सेवा को अपना धर्म मानते हुए हर किसी की लगभग हर संभव मदद के लिए तैयार रहने वाले जितेंद्र एक ऐसे पुलिस वाले हैं जो इंसानियत की एक मिसाल कायम कर रहे हैं। 


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Content Writer

Umakant yadav

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